बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रही

शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।

Aurto Ka Fitna – सहीह बुखारी हदीस 5096 की तफ़सीर | इस्लाम में औरत की अहमियत

Aurto Ka Fitna: सहीह बुखारी हदीस 5096 का मतलब क्या है? इस हदीस का सही अर्थ जानें और जानें कि इस्लाम औरतों को कितना ऊँचा दर्जा देता है। पूरी जानकारी पढ़ें!

Aaj Ki Hadees

Hadees In English

Nabi Sallallahu Alaihi Wasallam Ne Farmaya Maine Apne Baad Mardo Ke Liye Aurto Ke Fitno Se Badkar Nuksaan Dene Wala Or Koi Firna Nahi Chorda Hai

Hadees In Hindi

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया मैने अपने बाद मर्दो के लिए औरतों के फितनों से बडकर नुकसान देने वाला और कोई फीतना नही छोड़ा।

1. इस हदीस का सही मतलब क्या है?

कुछ लोग इस हदीस को गलत संदर्भ में ले लेते हैं और समझते हैं कि इसमें औरतों को “फितना” कहा गया है। जबकि हकीकत यह है कि इस हदीस का मकसद मर्दों को यह समझाना है कि उनके लिए औरतों की मोहब्बत, उनकी तरफ झुकाव और उनकी वजह से गुमराही में पड़ना एक बहुत बड़ी परीक्षा (इम्तिहान) है।

2. फितना’ का क्या मतलब है?

इस हदीस में “फितना” (فتنة) का मतलब सिर्फ “गुमराही” नहीं, बल्कि परीक्षा, आज़माइश, इम्तिहान और इंसान के भटकने का कारण भी है।

मर्दों के लिए यह एक चुनौती है कि वे अपनी इच्छाओं को इस्लामी तरीके से नियंत्रित करें।

अगर कोई इंसान अपनी भावनाओं और इच्छाओं पर काबू नहीं रखता, तो यह उसके लिए फितना (आजमाइश) बन जाता है।

कई बार मर्द गलत रिश्तों में पड़ जाते हैं, हराम (नाजायज़) कामों की तरफ बढ़ जाते हैं, जिससे उनका ईमान और समाज दोनों खराब हो सकते हैं।

3. इस हदीस का सही संदर्भ क्या है?

इस हदीस का यह मतलब नहीं है कि औरतें बुरी होती हैं या वे समाज के लिए नुकसानदेह हैं। बल्कि इस्लाम ने तो औरतों को बहुत इज्जत और ऊँचा मुकाम दिया है।

यह हदीस हमें यह समझाने के लिए है कि:

मर्दों को अपने नफ्स (इच्छाओं) पर काबू रखना चाहिए।

औरतों की इज्जत करनी चाहिए और हलाल (शरीयत के मुताबिक) तरीके से उनसे रिश्ता बनाना चाहिए।

हराम (गैर-शरीयत) रिश्तों से बचना चाहिए, क्योंकि यह इंसान के दीन और दुनिया दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है।

4. इस्लाम औरतों को क्या मुकाम देता है?

कुछ लोग इस हदीस को गलत समझकर यह सोच सकते हैं कि इस्लाम औरतों को कमतर समझता है, लेकिन यह सरासर गलत है।

(A) कुरआन में औरतों की अहमियत:

कुरआन में अल्लाह तआला फरमाते हैं:

“औरतें तुम्हारी लिबास (पोशाक) हैं और तुम उनके लिबास हो।”

(सूरह अल-बक़रह 2:187)

👉 यानी जैसे कपड़ा इंसान की इज्जत और हिफाजत करता है, वैसे ही मर्द और औरत एक-दूसरे की इज्जत और हिफाजत करते हैं।

कुरआन में एक और जगह अल्लाह फरमाते हैं:

“जो अच्छे अमल करेगा, चाहे वह मर्द हो या औरत, अगर वह ईमान वाला है, तो हम उसे अच्छी जिंदगी देंगे और उसका बेहतरीन बदला देंगे।”

(सूरह अन-नहल 16:97)

(B) इस्लाम ने औरतों के हक में बहुत कुछ कहा:

बेटी को रहमत बताया।

मां के कदमों के नीचे जन्नत बताई।

बीवी को इज्जत और सुरक्षा देने का हुक्म दिया।

(C) हदीस में भी औरतों की अहमियत बताई गई है:

नबी ﷺ ने फरमाया:

“तुम में सबसे बेहतरीन वह है जो अपनी औरतों के लिए सबसे अच्छा हो।”

(तिरमिज़ी 1162)

👉 यानी अच्छा इंसान वही है जो अपनी बीवी, मां, बहन और बेटियों के साथ अच्छा सुलूक करे।

एक और हदीस में फरमाया:

“जो शख्स तीन बेटियों या तीन बहनों की परवरिश करता है, उनकी अच्छी तालीम देता है और अच्छे तरीके से उनकी शादी करता है, तो अल्लाह उसे जन्नत अता करेगा।”

(अबू दाऊद 5147)

(D) मर्दों के लिए सीख:

✅ निगाहों की हिफाज़त करें:

कुरआन में अल्लाह ने फरमाया:

“मुसलमान मर्दों से कह दो कि वे अपनी निगाहें झुका लें और अपनी शर्मगाहों की हिफाजत करें।”

(सूरह अन-नूर 24:30)

✅ औरतों की इज्जत करें और गलत नजर से न देखें।

✅ हलाल (शरीयत के मुताबिक) तरीके से शादी करें।

✅ खुद को हराम रिश्तों और ग़लत रास्तों से बचाएं।

✅ शरीयत के मुताबिक जिंदगी बिताएं।

निष्कर्ष:

✅ यह हदीस औरतों के खिलाफ़ नहीं, बल्कि मर्दों के लिए एक चेतावनी है कि वे अपनी इच्छाओं को इस्लामी तरीकों से नियंत्रित करें।

✅ इस्लाम ने औरतों को इज्जत, अधिकार और ऊँचा मुकाम दिया है।

✅ मर्दों को अपनी निगाहों और नफ्स पर कंट्रोल करना चाहिए।

✅ हलाल (निकाह) को अपनाकर और हराम से बचकर अपनी जिंदगी को पाक बनाना चाहिए।

इस्लाम में औरतों को इज्जत और अहमियत दी गई है। इसलिए इस हदीस को सही तरीके से समझना बहुत जरूरी है।

Aurto Ka Fitna इस हदीस का सही मतलब यह है कि मर्दों के लिए औरतों की मोहब्बत सबसे बड़ी परीक्षा हो सकती है। इस्लाम औरतों को इज्जत और ऊँचा मुकाम देता है। इसलिए हमें इसे गलत तरीके से समझने के बजाय सही मायने में लेना चाहिए और अपने नफ्स (इच्छाओं) को शरीयत के मुताबिक चलाना चाहिए।

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