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Cheraman Perumal : भारत का पहला भ्रमांड जिसने करा था इस्लाम कबूल, जाने पूरी कहानी

आज हम बात करेंगे Cheraman Perumal की, जो भारत के पहले हिंदू राजा थे जिन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार किया। उनकी यह यात्रा कैसे शुरू हुई? क्या उन्होंने सच में चांद के दो टुकड़े होते देखे थे? आइए, पूरी कहानी विस्तार से जानते हैं।

Cheraman Perumal कौन थे?

Cheraman Perumal केरल के एक महान हिंदू राजा थे, जो चेर वंश के शासक थे। वे बहुत ही बुद्धिमान, न्यायप्रिय और प्रजा के हित में सोचने वाले राजा माने जाते थे। उनकी प्रसिद्धि पूरे दक्षिण भारत में फैली हुई थी।

इस्लाम कबूल करने की वजह: चांद का दो टुकड़े होना

एक रात राजा Cheraman Perumal अपने महल की छत पर टहल रहे थे। तभी उन्होंने आकाश में एक अद्भुत दृश्य देखा— चांद दो टुकड़ों में बंट गया और फिर वापस जुड़ गया।

उन्होंने इस घटना को अपनी आँखों से देखा, लेकिन वे समझ नहीं सके कि यह कैसे हुआ।

अगले दिन उन्होंने अपने दरबार में सभी विद्वानों और ज्योतिषियों को बुलाया और उनसे इस चमत्कार का रहस्य पूछा। लेकिन कोई भी इसका संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका।

अरब के व्यापारियों से मुलाकात

उन दिनों भारत और अरब के बीच व्यापारिक संबंध थे। जब अरब के व्यापारी भारत आए, तो राजा ने उन्हें अपने दरबार में बुलाया और चांद के दो टुकड़े होने की घटना के बारे में पूछा।

व्यापारियों ने जवाब दिया:

“हे राजन! यह चमत्कार हमारे नबी मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने किया था। वे अल्लाह के आखिरी पैगंबर हैं और यही इस्लाम धर्म का प्रमाण है।”

यह सुनकर राजा Cheraman Perumal के दिल में इस्लाम को समझने की जिज्ञासा बढ़ गई।

राजा Cheraman Perumal का मक्का जाना और इस्लाम स्वीकार करना

राजा ने फैसला किया कि वे स्वयं अरब जाकर इस घटना की सच्चाई पता करेंगे। उन्होंने अपना राज्य अपने मंत्रियों को सौंप दिया और अरब के व्यापारियों के साथ मक्का रवाना हो गए।

जब वे मक्का पहुंचे, तो उन्होंने नबी मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से मुलाकात की। उनसे मिलने के बाद राजा के दिल को सुकून मिला और उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया।

इस्लाम स्वीकार करने के बाद उन्होंने अपना नाम “ताजुद्दीन” रखा।

भारत में इस्लाम का प्रचार और पहली मस्जिद

नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने राजा Cheraman Perumal को हुक्म दिया कि वे भारत लौटकर इस्लाम का संदेश फैलाएँ।

राजा भारत लौटने के लिए निकले, लेकिन रास्ते में उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्होंने अपने साथियों को एक पत्र (खत) लिखकर दिया, जिसमें कहा गया था कि भारत पहुँचने के बाद वहां के शासकों से इस्लाम फैलाने में मदद लें।

राजा भारत नहीं लौट सके और यमन में उनका निधन हो गया।

उनके साथ आए साथी सहाबा भारत पहुँचे और केरल में पहली मस्जिद बनाई, जिसे “Cheraman Juma Masjid” कहा जाता है। यह मस्जिद आज भी केरल में मौजूद है और भारत की पहली मस्जिद मानी जाती है।

Cheraman Jumma Masjid

क्या यह घटना ऐतिहासिक रूप से प्रमाणित है?

कुछ लोग इस कहानी को मिथक मानते हैं, लेकिन इतिहासकारों और इस्लामिक शोधकर्ताओं के अनुसार, राजा Cheraman Perumal की इस्लाम स्वीकार करने की घटना के प्रमाण मौजूद हैं।

केरल की Cheraman Juma Masjid इस बात का सबूत है कि इस्लाम भारत में हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के समय ही पहुँच चुका था।

कई अरबी और मलयालम ऐतिहासिक ग्रंथों में इस घटना का उल्लेख मिलता है।

भारत और अरब के बीच पुराने व्यापारिक संबंधों के प्रमाण भी इस्लाम के प्रारंभिक आगमन की पुष्टि करते हैं।

निष्कर्ष

आज हमने जाना कि Cheraman Perumal कैसे भारत के पहले राजा बने जिन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार किया।

उनकी यह यात्रा दर्शाती है कि सच्चाई की खोज में कोई भी व्यक्ति किसी भी मार्ग पर चल सकता है। उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि इस्लाम का संदेश भारत में बहुत पहले ही पहुँच चुका था।

अल्लाह हमें भी नेक अमल करने की तौफीक अता फरमाए और हमें हिदायत दे। आमीन।

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