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Ibrahim Richmond : एक साउथ अफ्रीका के पादरी ने क्यों करा इस्लाम काबुल जाने पूरी कहानी

Janiye ek South African padhari Ibrahim Richmond ki kahani, jinhone apne lakhon followers ke saath Islam qabool kiya. Ibrahim ne kis tarah ek sapne aur Allah ki rehmat se Islam ko apnaya, jaaniye poori kahani.

South African Priest Converts To Islam

साउथ अफ्रीका का एक जाना-माना पादरी Ibrahim Richmond, जिसके लाखों फॉलोअर्स थे और जो बाइबल का पूरा ज्ञान रखता था, आखिर क्यों उसने इस्लाम कबूल किया? आइये जानते हैं, उसकी दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी।

Ibrahim Richmond
Ibrahim Richmond

1. Ibrahim Richmond : ने इस्लाम क्यों काबुल किया?

Ibrahim Richmond ने खुद इस बारे में कहा:

“मैं 15 साल से एक पादरी था। पूरी साउथ अफ्रीका में मेरे जैसा कोई नहीं था। मुझे फॉलो करने वाले एक लाख से ज्यादा लोग थे। मेरा अंदाज बहुत प्यारा और असरदार था, लोग मुझे सुनते ही रहते थे।

2. इब्राहीम रिचमंड का रूहानी सपना और इस्लाम की ओर सफर

(A) सपना जिसने सब कुछ बदल दिया

“एक दिन मैंने एक सपना देखा, जिसमें मैं एक छोटे से कमरे में सो रहा था। फिर मुझे एक आवाज सुनाई दी, जो कह रही थी, ‘अपने मानने वालों से बोलो, वे सफेद कपड़े पहन लें।’”

(B) सपने की रहस्यमयी पुनरावृत्ति

“मैंने सोचा कि यह मुसलमानों का लिबास होगा, लेकिन यह केवल एक सपना लगा। हालांकि यह सपना कई बार आया और हर बार यह आवाज और साफ होती गई। तब मैंने सोचा कि यह कुछ अहम बात हो सकती है।”

(C) इस्लाम की सच्चाई से रूबरू होना

“उन्होंने इस सपने को पहले समझने की कोशिश की, लेकिन जब उन्होंने इस्लाम को और गहराई से जाना, तो उन्हें लगा कि यह सपना उनके लिए एक निशानी था, जो उन्हें अपनी जिंदगी में एक नई राह दिखाने के लिए था। इस सपने की वजह से उन्होंने अपने दिल को खोला और इस्लाम को अपनाया।”

(D) रूहानी इशारा और ईमान की राह

“यह सपना उनके लिए एक रूहानी इशारा था, जिसमें उन्होंने अपने ईमान की सही राह को पहचाना। इससे उनका यकीन मजबूत हुआ और उन्होंने अपने पुराने अकीदे को छोड़कर इस्लाम को अपनाया, जो उनकी जिंदगी में एक नई रोशनी लेकर आया।”

(E) फॉलोअर्स के साथ इस्लाम की ओर कदम

“मैंने अपने सभी फॉलोअर्स को बुलाया और उन्हें बताया कि अल्लाह ने मुझे एक आसान रास्ता दिखाया है। अगले दिन, सभी लोग सफेद कपड़े पहनकर आए और मैंने उन्हें कलमा पढ़ाया। उन्होंने भी उसे दिल से पढ़ा और इस्लाम को कबूल कर लिया।”

(F) हज की यात्रा और नबी (PBUH) के रास्ते पर चलने का संकल्प

“इसके बाद मैंने हज की यात्रा की, ताकि मैं नबी करीम (PBUH) के रास्ते पर चल सकूं और लोग मुझे फॉलो करें।”

3. हदीस और कुरआन से प्रेरणा

Ibrahim Richmond का मानना था कि हदीस और कुरआन की शिक्षाएं पूरी दुनिया के लिए सही मार्गदर्शन देती हैं। एक प्रसिद्ध हदीस है:

“तुममें सबसे अच्छा वह है, जो दूसरों के लिए फायदेमंद हो।”

(अल-मुअजम अल-कबीर, तबरानी 861)

यह हदीस उनके जीवन में गहरी प्रेरणा बन गई, और इसके बाद उन्होंने इस्लाम के सच्चे संदेश को अपनाया।

Conclusion

आज हमने जाना South African Priest Converts To Islam के बारे में, जिसने इस्लाम क्यों कबूल किया था। Ibrahim Richmond ki yeh kahani humein yeh sikhaati hai ki Allah ka raasta hamesha khula hota hai aur agar hum apne dil se dua karte hain, toh Allah humari madad zarur karta hai.

अल्लाह हमे और नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के उम्मतियों को दिन समझने की तौफीक़ अता फरमाए। आमीन।

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