शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।
Jannat Ke Jis Darwaze Se Chahega Dakhil Hoga – अल-सिलसिला अल-सहीहा 476 – हदीस की तफसीर
आज हम जानेंगे उस शक्श के बारे में जो Jannat Ke Jis Darwaze Se Chahega Dakhil Hoga और उस पर किसी का खौफ ना होगा।
Aaj Ki Hadees
Hadees In English
Nabi Sallallahu Alaihi Wasallam Ne Farmaya Jisne 5 Waqt Ki Namaz Padi Or Kabira Gunnao Se Bach Gaya To Vo Jannat Ke Jis Darwaze Se Chahega Dakhil Ho Jayega
Hadees In Hindi
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जिसने 5 वक्त की नमाज पढ़ी और कबीरा गुन्नाओ से बच गया तो वो जन्नत के जिस दरवाजे से चाहेगा दाखिल हो जायेगा।
(Al Silsila Tus Sahiha – 476)
हदीस की तफसीर और समझ
1. इस हदीस का मकसद क्या है?
यह हदीस हमें नमाज़ की अहमियत और इस्लाम में उसके बड़े मकाम को बताती है। अल्लाह तआला ने हमें पाँच वक्त की नमाज़ फर्ज की है, और अगर कोई इंसान इसे पाबंदी से अदा करता है और कबीरा गुनाहों (बड़े गुनाहों) से बचता है, तो अल्लाह उसे यह इनाम देगा कि वह जन्नत के किसी भी दरवाजे से दाखिल हो सकता है।
2. पाँच वक्त की नमाज़ क्यों जरूरी है?
नमाज़ सिर्फ एक इबादत नहीं, बल्कि मुसलमान की जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा है। यह अल्लाह से ताल्लुक मजबूत करती है, गुनाहों को मिटाती है और इंसान के दिल को सुकून देती है।
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है:
“नमाज़ बेशक बेहयाई और बुराई से रोकती है।”
(सूरह अल-अंकबूत 29:45)
इससे मालूम होता है कि अगर कोई इंसान दिल से नमाज़ पढ़े, तो यह उसे गुनाहों से बचाने का ज़रिया बनती है।
3. कबीरा गुनाह क्या होते हैं?
इस हदीस में बताया गया है कि जन्नत में जाने के लिए सिर्फ नमाज़ पढ़ना ही काफी नहीं, बल्कि इंसान को “कबीरा गुनाहों” से भी बचना होगा।
कबीरा गुनाह वे होते हैं जिन पर कुरआन या हदीस में अज़ाब (सज़ा) का ज़िक्र आया हो, जैसे:
शिर्क (अल्लाह के साथ किसी को शरीक करना)
क़त्ल (ना हक किसी को मारना)
ज़िना (अवैध संबंध)
झूठी गवाही देना
माल की हेरा-फेरी करना
माँ-बाप की नाफरमानी करना
सूद (ब्याज) लेना और देना
अगर कोई मुसलमान सच्चे दिल से नमाज़ पढ़ता है और इन गुनाहों से बचता है, तो अल्लाह उसे जन्नत में दाखिल करेगा।
4. जन्नत के आठ दरवाजे
हदीस में जिक्र किया गया है कि ऐसा शख्स जन्नत के किसी भी दरवाजे से दाखिल हो सकता है।
हदीसों में आता है कि जन्नत के आठ दरवाजे हैं, और हर दरवाजे से अलग-अलग नेकी करने वालों को बुलाया जाएगा:
1. बाबुस्सलात – नमाज़ पढ़ने वालों के लिए
2. बाबुर्रैयान – रोज़ा रखने वालों के लिए
3. बाबुस्सदक़ा – सदक़ा (दान) करने वालों के लिए
4. बाबुलहज्ज – हज करने वालों के लिए
5. बाबुलजिहाद – जिहाद करने वालों के लिए
6. बाबुत्तौबा – तौबा करने वालों के लिए
7. बाबुलकाज़िमीनल-ग़ैज़ – गुस्सा रोकने वालों के लिए
8. बाबुलअयमान – सच्चाई और नेक अमल करने वालों के लिए
अगर कोई शख्स नमाज़ की पाबंदी करे और कबीरा गुनाहों से बचे, तो अल्लाह उसे इख्तियार देगा कि वह जन्नत के किसी भी दरवाजे से दाखिल हो सकता है।
5. इस हदीस से हमें क्या सीख मिलती है?
✅ पाँच वक्त की नमाज़ को वक्त पर और खुसूसी तौर पर पढ़ना जरूरी है।
✅ छोटे-बड़े हर तरह के गुनाहों से बचने की कोशिश करनी चाहिए।
✅ अल्लाह तआला की रहमत बहुत वसी (विस्तृत) है, लेकिन उसके लिए नेक अमल करना जरूरी है।
✅ अगर हम अपनी जिंदगी में इस हदीस पर अमल करें, तो जन्नत का रास्ता आसान हो सकता है।
नतीजा (निष्कर्ष)
यह हदीस हमें बताती है कि नमाज़ सिर्फ एक फर्ज नहीं, बल्कि जन्नत में दाखिल होने की कुंजी है। लेकिन इसके साथ-साथ गुनाहों से भी बचना जरूरी है। अगर हम नमाज़ की पाबंदी करें और गुनाहों से बचें, तो अल्लाह हमें यह अज्र (इनाम) देगा कि हम जन्नत के किसी भी दरवाजे से दाखिल हो सकते हैं।
अल्लाह हमें इस हदीस पर अमल करने की तौफीक़ दे, आमीन!
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