बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रही
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है
भारत की मुस्लिम हुकूमत: Mahmud of Ghazni (Part-2)
जब भी भारत में इस्लाम के आगमन की बात होती है, तो अक्सर यह गलतफहमी फैलाई जाती है कि इस्लाम सिर्फ आक्रमणकारियों के ज़रिए आया। लेकिन हकीकत यह है कि इस्लाम हिंदुस्तान में नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के ज़माने में ही पहुंच चुका था।
भारत में इस्लाम की पहली रोशनी: चेरमन पेरुमल की कहानी
भारत में इस्लाम सबसे पहले अरब व्यापारियों और नबी (ﷺ) के मुजिज़े (चमत्कार) को देखकर पहुंचा। केरल के राजा Cheraman Perumal (चेरमन पेरुमल) ने जब चांद के दो टुकड़े होने का वाकया देखा, तो वो इस्लाम से मुतास्सिर हो गए।
उन्होंने अरब जाकर नबी (ﷺ) से मुलाकात की और इस्लाम कबूल किया। यह भारत के पहले राजा थे जिन्होंने इस्लाम अपनाया था।
➡ पूरी कहानी पढ़ें: [Cheraman Perumal: भारत का पहला हुक्मरान जिसने इस्लाम कबूल किया]
भारत में मुस्लिम हुकूमत की शुरुआत: मोहम्मद बिन कासिम
इस्लाम भारत में अरब व्यापारियों और औलिया-ए-किराम के ज़रिए फैला, लेकिन सबसे पहली मुस्लिम हुकूमत मोहम्मद बिन कासिम ने कायम की।
712 ईस्वी में मोहम्मद बिन कासिम ने सिंध फतेह किया और वहां न्याय, अमन, और इस्लामी हुकूमत की बुनियाद रखी।
➡ पूरा आर्टिकल पढ़ें: [भारत की मुस्लिम हुकूमत (Part-1): Mohammad Bin Qasim]
अब हम महमूद गजनवी की हुकूमत और भारत में उसके हमलों के बारे में जानेंगे।
महमूद गजनवी का जीवन परिचय
1. जन्म और प्रारंभिक जीवन
महमूद गजनवी का जन्म 2 नवंबर 971 को अफ़ग़ानिस्तान के गजनी शहर में हुआ था।
उसके पिता सुबुक्तगीन एक तुर्क गुलाम कमांडर थे, जिन्होंने 977 ई. में गजनी पर अपनी हुकूमत क़ायम कर ली थी।
महमूद बचपन से ही तेज़ दिमाग़ और बहादुर था। वह हर जंग में अपने पिता के साथ रहता और उनकी मदद करता था।
(Al-Utbi (Tārīkh-i Yamīnī)
(Stanley Lane-Poole (Medieval India under Mohammedan Rule, 712-1764)
2. गजनी का पहला सुल्तान कैसे बना?
997 ईस्वी में जब सबुक्तगीन का इंतकाल हुआ, तो उन्होंने अपनी हुकूमत छोटे बेटे इस्माइल को सौंप दी।
मगर इस्माइल योग्य शासक नहीं था, इसलिए महमूद गजनवी ने 998 ईस्वी में जंग लड़ी और खुद गजनी का सुल्तान बन गया।
महमूद गजनवी पहला मुस्लिम शासक था जिसने खुद को “सुल्तान” कहकर पुकारा।
(R.C. Majumdar (Ancient India)
➡ महमूद गजनवी पहला मुस्लिम राजा था जिसने “सुल्तान” का ख़िताब अपनाया।
महमूद गजनवी के भारत पर हमले
1. पहला हमला: राजा जयपाल से जंग (1001 ई.)
अफगानिस्तान के पास भारत में राजा जयपाल शासन कर रहा था।
राजा जयपाल ने गजनी सल्तनत को कमजोर समझकर कई बार हमले किए।
1001 ईस्वी में महमूद गजनवी ने जयपाल के खिलाफ जंग का ऐलान किया।
जयपाल के पास लाखों की सेना थी, जबकि महमूद के पास कुछ हजार सैनिक ही थे।
मगर महमूद की रणनीति इतनी मजबूत थी कि उसने जयपाल को बुरी तरह हराया।
राजा जयपाल ने 2.5 लाख दिनार (सोने की मुद्रा) देकर खुद को छुड़वाया, लेकिन हार की शर्मिंदगी में उसने आत्महत्या कर ली।
(Al-Utbi (Tārīkh-i Yamīnī)
(Elliot & Dowson (The History of India as Told by Its Own Historians, Vol. 2)
2. दूसरा हमला: आनंदपाल से युद्ध (1008 ई.)
राजा जयपाल की हार के बाद उसका बेटा आनंदपाल बदला लेने की तैयारी करने लगा।
उसने कई राजपूत राजाओं को एकजुट करके एक विशाल सेना तैयार की।
1008 ईस्वी में राजा आनंदपाल और महमूद गजनवी की दूसरी जंग हुई।
जंग के दौरान आनंदपाल घबरा गया और पीछे हटने लगा, जिससे उसकी सेना भी भाग गई।
महमूद गजनवी ने यह जंग भी जीत ली, और भारत के लिए रास्ते खोल दिए।
इस जंग में कुछ हिंदू सैनिक भी महमूद गजनवी के साथ थे।
(Al-Utbi (Tārīkh-i Yamīnī)
(Elliot & Dowson (The History of India as Told by Its Own Historians, Vol. 2)
क्या महमूद गजनवी धार्मिक रूप से कट्टर था?
महमूद गजनवी को किसी धर्म से नफरत नहीं थी।
जहां भी उसने फतेह की, वहां गवर्नर किसी मुसलमान को नहीं बल्कि हिंदू या बौद्ध धर्म के लोगों को बनाता था।
उसने कभी किसी को जबरदस्ती इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर नहीं किया।
(R.C. Majumdar (The History and Culture of the Indian People, Volume 5)
महमूद गजनवी और सोमनाथ मंदिर
क्या महमूद गजनवी ने मंदिर तोड़ा था?
कुछ लोग कहते हैं कि महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर को तोड़ दिया, लेकिन सच्चाई कुछ और है।
महमूद गजनवी ने 1025 ई. में गुजरात के सोमनाथ मंदिर पर हमला किया।
➡ उस समय यह मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं था, बल्कि एक राजनीतिक गढ़ था।
➡ मंदिर के पुजारियों ने इसे एक धोखाधड़ी का केंद्र बना रखा था, जहाँ लोग “चमत्कार” के नाम पर ठगे जाते थे।
➡ मंदिर में एक विशाल चुम्बक लगी थी, जिससे शिवलिंग हवा में झूलता दिखता और लोग इसे चमत्कार समझकर दान देते थे।
➡ महमूद ने मंदिर से इस गुप्त चुंबक और छिपे ख़ज़ाने का पर्दाफाश किया।
(Al-Biruni (Kitab al-Hind)
(Elliot & Dowson (The History of India as Told by Its Own Historians, Vol. 2)
अंग्रेजों की साजिश और झूठा इतिहास
➡ 1842 में अंग्रेजों ने हिंदू-मुस्लिम को लड़ाने के लिए एक साजिश रची।
➡ उन्होंने दावा किया कि महमूद गजनवी ने मंदिर के दरवाजे गजनी ले जाकर अपनी मजार पर लगवा दिए थे।
➡ लेकिन असलियत में जब वे दरवाजे भारत लाए गए, तो पता चला कि वे मंदिर के दरवाजे थे ही नहीं!
➡ मंदिर के दरवाजे चंदन की लकड़ी के थे, जबकि जो दरवाजे गजनी से लाए गए, वे देवदार की लकड़ी के थे।
➡ आज भी ये दरवाजे आगरा किले में सुरक्षित हैं।
(Romila Thapar (Somanatha: The Many Voices of a History)
(Richard Eaton (Temple Desecration and Muslim States in Medieval India)
महमूद गजनवी की मौत और विरासत
➡ 1030 ई. में महमूद गजनवी की मलेरिया की बीमारी से मौत हो गई।
➡ उसके बाद उसका साम्राज्य 1186 ई. तक चला, जब इसे गोरी सल्तनत ने समाप्त कर दिया।
(Stanley Lane-Poole (Medieval India under Mohammedan Rule, 712-1764)
निष्कर्ष
इस पोस्ट में हमने जाना कि महमूद गजनवी कौन था, उसने भारत में कैसे हमले किए और क्या उसने सच में सोमनाथ मंदिर को तोड़ा था या यह केवल एक अंग्रेजों की साजिश थी।
➡ Next Post: गोरी सल्तनत: भारत की मुस्लिम हुकूमत (Part-3)
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