शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।
Pyare Nabi ki Pyari Baatein – Part 1 : प्यारे नबी की हदीस
इस्लाम में हमारे प्यारे नबी हजरत मुहम्मद ﷺ को जो मक़ाम और मर्तबा दिया गया है, वह किसी और नबी को नहीं मिला। उनकी हदीसें इंसान की ज़िंदगी को रोशन करने वाली हैं। आज हम आपके लिए “प्यारे नबी की प्यारी बातें” सीरीज का पहला भाग लेकर आए हैं। इस लेख में हम उन खास बातों का जिक्र करेंगे जो हमारे नबी ﷺ को अल्लाह ने दीं, लेकिन उनसे पहले किसी भी नबी को नहीं दी गई थीं।
नबी ﷺ को 5 खास चीज़ें दी गईं जो किसी और नबी को नहीं मिलीं
हदीस:
नबी करीम ﷺ ने फरमाया:
“मुझे पाँच चीज़ें ऐसी दी गई हैं, जो मुझसे पहले किसी को नहीं दी गईं।”
(सहीह बुखारी: 335, सहीह मुस्लिम: 521)
(1) एक महीने की मुसाफ़त तक दुश्मनों पर रौब डाल दिया गया
“अल्लाह ने मुझे एक महीने की मुसाफत की दूरी तक दुश्मनों पर रोब और दबदबा दिया है।”
व्याख्या:
नबी ﷺ का रौब इतना था कि उनके दुश्मन एक महीने की दूरी पर होते हुए भी उनसे डरते थे। यह खास मक़ाम सिर्फ नबी ﷺ को अता किया गया था।
(2) पूरी ज़मीन को मस्जिद और पाक करार दिया गया
“अल्लाह ने मेरे लिए पूरी जमीन को मस्जिद और पाक बना दिया है। इसलिए मेरी उम्मत के लोग जहाँ भी हों, वहीं नमाज अदा कर सकते हैं।”
व्याख्या:
इससे पहले नबियों को सिर्फ मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाजत थी, लेकिन उम्मत-ए-मुहम्मदी को यह सहूलियत दी गई कि वे पूरी जमीन पर नमाज अदा कर सकते हैं।
(3) ग़नीमत (युद्ध में मिली दौलत) को हलाल किया गया
“मुझे ग़नीमत (युद्ध में मिली दौलत) हलाल कर दी गई, जबकि मुझसे पहले किसी नबी के लिए यह हलाल नहीं थी।”
व्याख्या:
पहले नबियों की उम्मतों को ग़नीमत का माल लेने की इजाजत नहीं थी, लेकिन नबी ﷺ की उम्मत के लिए इसे हलाल कर दिया गया।
(4) शिफाअत (सिफारिश) अता की गई
“अल्लाह ने मुझे शिफाअत (कयामत के दिन सिफारिश करने) का अधिकार दिया है।”
व्याख्या:
कयामत के दिन जब हर कोई अपने गुनाहों से डरा होगा, तब सिर्फ नबी ﷺ को यह इजाजत होगी कि वे अपने उम्मतियों की सिफारिश करें।
(5) तमाम इंसानों के लिए नबी बनाकर भेजा गया
“मुझसे पहले के सभी नबी सिर्फ अपनी खास कौम के लिए भेजे गए थे, लेकिन मुझे पूरी इंसानियत के लिए भेजा गया है।”
व्याख्या:
पहले के नबी सिर्फ अपनी कौम के लिए आते थे, लेकिन नबी ﷺ पूरी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजे गए।
नबी ﷺ पूरी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजे गए
कुरआन:
“और ऐ नबी! हमने तुम्हें पूरी इंसानियत के लिए खुशखबरी देने वाला और डराने वाला बनाकर भेजा है, लेकिन अधिकतर लोग नहीं जानते।”
(सूरह सबा: 34:28)
व्याख्या:
नबी ﷺ सिर्फ एक जगह या एक दौर के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया और कयामत तक आने वाले इंसानों के लिए रहमत बनाकर भेजे गए हैं।
नबी ﷺ ने तमाम नबियों को नमाज पढ़ाई
हदीस:
“शबे मेराज के मौके पर नबी ﷺ ने बैतुल मुकद्दस (मस्जिद अल-अक्सा) में सभी नबियों को नमाज पढ़ाई।”
व्याख्या:
नबी ﷺ इस दुनिया के आखिरी नबी हैं, और इसलिए उन्हें यह इज्जत दी गई कि उन्होंने तमाम नबियों को नमाज पढ़ाई।
कयामत के दिन सबसे ज्यादा उम्मत नबी ﷺ की होगी
हदीस:
“कयामत के दिन सबसे ज्यादा मानने वाले मेरी उम्मत के लोग होंगे।”
(सहीह मुस्लिम: 484)
व्याख्या:
हालांकि, नबी ﷺ से पहले कई नबी आए, लेकिन उनकी उम्मत इतनी बड़ी नहीं हुई जितनी कि उम्मत-ए-मुहम्मदी होगी।
नबी ﷺ को दो नूर (रौशनियां) दी गईं
हदीस:
“एक दिन जिब्रील अलैहिस्सलाम नबी ﷺ के पास आए और कहा: ‘आपको दो नूर अता किए गए हैं, जो आपसे पहले किसी को नहीं मिले – (1) सूरह फातिहा और (2) सूरह बकरा की आखिरी दो आयतें। जो इन्हें पढ़ेगा, उसे उसकी मांगी हुई चीज अता कर दी जाएगी।”‘
(सहीह मुस्लिम: 1877)
व्याख्या:
सूरह फातिहा को कुरआन का सबसे अज़ीम हिस्सा कहा जाता है, और सूरह बकरा की आखिरी दो आयतों को बहुत ज्यादा फज़ीलत दी गई है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज हमने नबी ﷺ की 5 खास बातें जानीं, जो उन्हें दी गईं लेकिन किसी और नबी को नहीं मिलीं। नबी ﷺ की हदीसें हमारे लिए रोशनी हैं और हमें चाहिए कि हम उन पर अमल करें।
अल्लाह हमें इन बातों पर अमल करने की तौफीक़ दे। आमीन!
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