शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है
Qabar Ka Azab क़ब्र के अज़ाब से बचने का तरीका – कुरान और हदीस से जानें
जानिए कब्र के अजाब(Qabar Ka Azab) से बचने के इस्लामी तरीके, हदीस और कुरान की रोशनी में। पढ़ें qabar ka azab se bachne ki dua और सूरह मुल्क की फ़ज़ीलत(surah mulk ki fazilat)।भूमिका
इस्लाम में क़ब्र (क़ब्रिस्तान) एक ऐसी जगह है जहां इंसान की असल ज़िंदगी शुरू होती है। हदीसों में बताया गया है कि क़ब्र या तो जन्नत के बागों में से एक बाग होती है या जहन्नम के गड्ढों में से एक गड्ढा। इसलिए, हर मुसलमान को चाहिए कि वह क़ब्र के अज़ाब(Qabar Ka Azab) से बचने के उपाय अपनाए। इस आर्टिकल में हम कुरान और हदीस की रोशनी में जानेंगे कि कब्र के अजाब(Qabar Ka Azab) से बचने के तरीके क्या हैं?, कौन-कौन से लोग कब्र के अजाब(Qabar Ka Azab) से बचेंगे और हमें अपनी ज़िंदगी में क्या बदलाव करने चाहिए?क़ब्र के अज़ाब(Qabar Ka Azab) से बचने के तरीके
1. नमाज़ की पाबंदी करना
क़ब्र के अज़ाब(Qabar Ka Azab) से बचने का सबसे बड़ा जरिया पांच वक्त की नमाज़ की पाबंदी है। जो इंसान नमाज़ पढ़ता है, अल्लाह तआला उसकी क़ब्र को रोशन करता है और उसे क़ब्र के अज़ाब(Qabar Ka Azab)अज़ाब से बचाता है।हदीस:
➤ रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया: “नमाज़ रोशनी है, और यह क़ब्र और आख़िरत में इंसान की मदद करेगी।”(मुस्लिम: 223)
2. सूरह मुल्क की तिलावत(Surah Mulk Ki Tilawat) करना
रसूलुल्लाह ﷺ ने सुरह मुल्क को “क़ब्र के अज़ाब से बचाने वाली सुरह” कहा है। यह सुरह हर रात सोने से पहले पढ़नी चाहिए।हदीस:
➤ अबू हुरैरा (र.अ) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया: “कुरान में एक सुरह है, जो 30 आयतों पर مشتمل है, जो अपने पढ़ने वाले के लिए क़ब्र में शफाअत करेगी।”(अबू दाऊद: 1400)
(मुस्तदुर्क अल हकीम 2/498)
सुरह मुल्क की पहली आयत:
اللَّهُ الَّذِي خَلَقَ الْمَوْتَ وَالْحَيَاةَ لِيَبْلُوَكُمْ أَيُّكُمْ أَحْسَنُ عَمَلًا ۚहिन्दी अनुवाद:
“अल्लाह वही है जिसने मौत और ज़िंदगी को पैदा किया, ताकि वह देखे कि तुम में से कौन अच्छे अमल करता है।”(सुरह मुल्क: 67:2)
3. अच्छे अख़लाक अपनाना
क़ब्र के अज़ाब से बचने का एक बड़ा ज़रिया अच्छे अख़लाक और नेक अमल करना है। जो इंसान बुराई छोड़कर अच्छाई अपनाता है, अल्लाह तआला उसे क़ब्र में राहत देता है।हदीस:
➤ रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया: “सबसे भारी चीज़ जो क़ियामत के दिन नेकियों के पलड़े में रखी जाएगी, वह अच्छा अख़लाक है।”(सुनन तिरमिज़ी: 2002)
4. दुआएं पढ़ना
रसूलुल्लाह ﷺ ने हमें कुछ दुआएं सिखाई हैं जो क़ब्र के अज़ाब(Qabar Ka Azab)से बचने में मदद करती हैं।Qabar Ka Azab Se Bachne Ki Dua – कब्र की दुआ:
اللهم إني أعوذ بك من عذاب القبر ومن عذاب النارहिन्दी अनुवाद:
“ऐ अल्लाह! मैं तुझसे क़ब्र के अज़ाब और जहन्नम के अज़ाब से पनाह मांगता हूँ।”(मुस्लिम: 588)
5. सदक़ा और खैरात करना
रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया कि सदक़ा क़ब्र के अज़ाब से बचाने का ज़रिया बनता है।हदीस:
➤ अबू हुरैरा (र.अ) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया: “बंदे का सदक़ा उसकी क़ब्र को रोशन करता है और उसके अज़ाब को कम कर देता है।”(मुस्नद अहमद: 9492)
6. इस्लाम के लिए शहीद होने वाला
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया की जो शक्श इस्लाम की हिफाजत करते होए मार जाए या कोई काफिर उसका कतल कर दे तो वो क़ब्र के अज़ाब से बच जाता है।(जामिया त्रिमधि 1665)
Also Read: रिबात की फज़ीलत – जामिया तिरमिज़ी हदीस 1665 की तफ़सीर नोट – यानी की जब जंग के मैदान में या इस्लाम की हिफाजत करते होए मरने वाला सहादत की मौत मरता है इसलिए उस पर कबर का अजाब नही होता है।7. जुम्मे के दिन मरने वाला
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जुम्मे के दिन और जुम्मे की रात मरने वाला कबर के अजाब से बच जाता है।(जामिया त्रिमधी 1074)
नोट – हालाकि आपको बता दे की यह सिफात सिर्फ मोमिनों के लिए है जो जुम्मे को ईमान पर मारा हो सिर्फ वही कबर के अजाब से बच जाता है।8. पेट की तकलीफ से मरने वाला
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि पेट की तकलीफ से मरने वाला इंसान कबर के अजाब से बच जाता है।(सुन्न निसाई 2054)
नोट – हालाकि आपको बता दे की Qabar Ka Azab Se Bachne Ka Tarika भी सिर्फ मोमिनों के लिए है।9. एक्सीडेंट में मरने वाला
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया की दब के मरने वाला भी अच्छी मौत है।(सुन्न निसाई 1847)
नोट – अल्लाह ने मोमिनों के लिए क़ब्र के अज़ाब(Qabar Ka Azab) से बचने की किसमे बताई है ताकि कोई अल्लाह से ना उम्मीद ना हो की में इतना नेक था। फिर भी मुझे ऐसी मौत आई है।10. मुंह से ज्यादा खून निकलने वाला
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया मुंह से जायदा खून निकलना भी अच्छी मौत है।(अट तरगीब वाट तारहीब 1396)
नोट – मुंह से जायदा खून निकलना भी कबर के अजाब से बचाता है।11. आग में जलने वाला और डूब के मरने वाला
नबी करीम सल्लालाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया डूब के मरने वाला भी अच्छी मौत है और आग में जल के मरने वाला भी अच्छी मौत है।(सुन्न निसाई 3196)
नोट – जो कोई पानी या आग में मरता है तो वह भी अच्छी मौत बताई है।12. औरत के जब बच्चा पेट में हो तब मरना
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया की औरत के जब पेट में बचा हो तब मार जाए तो यह भी अच्छी मौत है।(सुन्न अबू दाऊद 3111)
नोट – क्युकी औरत के बचा यानी 2 जान होती है इसलिए अल्लाह ने ऐसी औरत को भी अच्छी मौत कहा है।13. कोई वायरस से मरने वाला
नबी करीम सल्लालाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि वायरस में मरने वाला भी अच्छी मौत है।(सही बुखारी 5733)
नोट – जब कोई तरह का वायरस फैलता है जैसे की कोरोना था। अगर उसे कोई मारे तो यह भी अच्छी मौत है।
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