Qarz Wapis Na Karne Ki Saza – कर्ज न चुकाने की सजा
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे Qarz Wapis Na Karne Ki Saza के बारे में की क्या यह कबीरा गुना है।
Qarz Wapis Na Karne Ki Saza
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जिस शक्श ने किसी से कर्ज लिया फिर उसकी नियत कर्ज अदा करने की ना हो और अगर वो जिंदगी में कर्ज अदा ना करा हो तो अल्लाह से चोर की हालत में मिलेगा।
नोट – आज कल के लोगो ने कर्ज लेकर खाने को बहुत आम गुना समझ रखा है। हालाकि आपको बता दे की कर्ज लेना जायज तो है मगर कर्ज ना चुकाने का बहुत बड़ा गुना है।
(सुन्न इब्न माझा – 2410)
1. एक हदीस में आता है की कर्ज लेने वाला जन्नत में नही जा पायेगा यह तक की उसका कर्ज ना उतर जाए।
2. एक हदीस में यह भी आता है की शहादत के मौत मरने वाला अगर बार बार भी शहादत की मौत मिले और अगर इस पर कर्ज हो तो वो भी जन्नत में ना जा सकेगा तब तक उसका कर्ज अदा ना हो जाए। हालाकि आप जानते है शहादत वाले को हर गुना माफ है लेकिन सिरक और कर्ज किसी को माफ नही है।
3. आपको बता दे की कर्ज लेना सिर्फ यह ही नही की वो पैसे ले बल्कि यह भी है की वो उसका हक मारे यानी उसकी जमीन को हड़पना या उसका कोई हक को चीन ना।
4. इन सब बातो से मालूम होता है की कर्ज लेना कबीरा गुना है और कबीरा है।
5. हमे चाहिए की अल्लाह से हम माफी मांगे और जिनका हम हक मार चुके है या कर्ज हो तो उसको चुकाने की कोसीस करे और अल्लाह से माफी मांगे की या अल्लाह मुझे माफ कर दे।
Conclusion
आज हमने इस आर्टिकल में जाना Qarz Vapis Na Karne Ki Saza क्या है। और हमे कर्ज लेने से क्या क्या नुकसान हो सकते है।
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Qarz Na Dena Kabira Gunna Hai Jo Sadat Wale Ka Bhi Maaf Na Hai
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