बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रही

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शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।

Qasas-ul-Anbiya Part 2 – Duniya Ka Pahla Insan Kaun Tha?

इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि दुनिया का पहला इंसान कौन था? अल्लाह तआला ने इंसान को क्यों पैदा किया? आदम (अलैहिस्सलाम) को कैसे बनाया गया? और शैतान (इब्लीस) ने क्यों इंकार किया? यह सब कुछ Quran, Hadith और इस्लामिक स्कॉलर्स की रोशनी में समझेंगे।

दुनिया का पहला इंसान कौन था?

कुरान और हदीस के मुताबिक, दुनिया का पहला इंसान हज़रत आदम (अलैहिस्सलाम) थे। अल्लाह ने उन्हें मिट्टी से बनाया और उन्हें इंसानों का पहला नबी बनाया।

1. अल्लाह ने इंसान को बनाने का इरादा किया

अल्लाह ने फरिश्तों से फरमाया:

“मैं ज़मीन में खलीफा बनाने वाला हूँ।”

फरिश्तों ने अर्ज़ किया:

“ऐ हमारे रब! क्या तू ऐसी मख़लूक़ पैदा करेगा जो धरती में खून-खराबा करेगी, जबकि हम तेरी तस्बीह और तेरी पवित्रता का बखान करते हैं?”

अल्लाह ने फरमाया:

“जो मैं जानता हूँ, वो तुम नहीं जानते।”

(सूरह अल-बक़राह 2:30)

यानी अल्लाह ने इंसान को एक बड़ी हिकमत के तहत पैदा किया, जिसे फरिश्ते नहीं समझ पाए।

हालाकि फरिस्तो ने कभी अल्लाह के हुकुम की नाफरमानी नहीं की है बस उन्होंने ये बात इसलिए कह दी की जब जिन्नो को पैदा किया था जो जमीन में खून खराबा करते है तो फिर ऐसे मखलूक क्यों पैदा करते हो और इसलिए भी कही थी की हम तेरी पाकी बयान करते है तो फिर और मकलुक की क्या जरूरत है तो अल्लाह ने कहा जो में जनता हूं वो तुम नही जानते।

2. इंसान के रंग अलग अलग क्यों है

फिर अल्लाह ने फरिस्तो को हुकुम दिया की जमीन में जाके हर तरफ की मिट्टी लाई जाए फिर फरिस्ते हर तरफ की मिट्टी लेकर आ गए

अल्लाह ने आदम को ज़मीन की हर तरह की मिट्टी से बनाया। इसलिए उनकी नस्ल (औलाद) के लोग अलग-अलग रंग और मिज़ाज के हुए – कुछ गोरे, कुछ काले, कुछ अच्छे, कुछ सख्त मिज़ाज।”

(मुसनद अहमद – 10634, अबू दाऊद – 4693)

इसीलिए आज हम देखते हैं कि इंसानों की त्वचा का रंग सफेद, काला, गेहुंआ और भूरा होता है।

3. हज़रत आदम (अलैहिस्सलाम) की तखलीक (पैदाइश) कैसे हुई?

फिर अल्लाह ने मिट्टी को पानी में मिलाया तो वो सुर्क हो गई फिर उसको ऐसे ही एक ढांचा बनाया और और कुछ समय आग पर छोड़ा तो वो सिया हो गई और उनमें से बदबू आने लगी जैसे मटके हो जाते है वैसी हो गई फिर वो कंकनती हो गई और ये सब जुम्मे के दिन इंसान को बनाया जा रहा था और ये दिन हमारे दिन से मुख्तलिफ है।

1. मिट्टी को पानी में मिलाया गया, जिससे गीली मिट्टी बनी।

2. फिर वो मिट्टी सूखकर कठोर हो गई।

3. फिर अल्लाह ने उसे एक इंसानी शक्ल दी।

4. फिर उसमें रूह फूंकी गई।

जब अल्लाह ने रूह फूंकी, तो सबसे पहले सिर में जान आई, फिर आँखों में, फिर नाक और मुंह में।

“जब रूह पेट में पहुंची, तो आदम (अलैहिस्सलाम) को भूख महसूस हुई और उन्होंने जल्दबाज़ी में फल तोड़ना चाहा, लेकिन अभी पैर में जान नहीं आई थी।”

(तफ़सीर इब्ने कसीर – सूरह अल-इंसान 76:1-2)

4. हज़रत आदम (अलैहिस्सलाम) कितने लंबे थे?

हदीस में आता है कि:

“अल्लाह ने आदम (अलैहिस्सलाम) को 60 हाथ (लगभग 90 फीट) लंबा बनाया। फिर इंसानों की लंबाई धीरे-धीरे कम होती गई।”

(सहीह बुखारी – 3326, सहीह मुस्लिम – 2841)

5. इब्लीस का चक्कर लगाना

हज़रत आदम (अलैहिस्सलाम) को जब बनाया जा रहा था, उस वक्त इब्लीस (शैतान) उनके चारों तरफ घूमता था और उनकी तासीर (प्रकृति) को समझने की कोशिश करता था। इस बारे में एक हदीस मिलती है:

हदीस:

अबू हुरैरा (रज़ि.) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया:

“जब अल्लाह ने आदम (अलैहिस्सलाम) को पैदा किया, तो उन्हें मिट्टी से बनाया। इब्लीस उनके पास आने लगा, उनके चारों तरफ चक्कर लगाता और उन्हें गौर से देखता। फिर उसने कहा: ‘यह एक खोखला (खाली अंदर से) बनाया गया है।’ (यानी इसमें कमजोरी होगी) फिर उसने समझ लिया कि यह काबू में किया जा सकता है।”

(सहीह मुस्लिम: 2611)

6. अल्लाह का फरमान

फिर अल्लाह ने फरमाया की जब में इसे ठीक ठाक कर लू और इसमें रूह फुक दून तो तुम सब सजदा करना फिर अल्लाह ने कहा हो जा और वो हो गया।

“जब मैं इसमें रूह फूंक दूँ, तो तुम सब इसके आगे सजदा करना।”

(सूरह सौद 38:72-73)

7. कयामत तक पैदा होने वाले इंसान का निकलना

फिर अल्लाह ने आदम अलैहिस्सलाम पे हाथ फेरा तो कयामत तक पैदा होने वाले इंसान बाहर आ गए तो अल्लाह ने उन सब से फरमाया क्या में तुमारा रब नही हूं तो सबने कहा हां क्यों नहीं तुम हमारे रब हो।

“और याद करो जब तुम्हारे रब ने आदम की संतान से, उनकी पीठों से, उनकी संतान को निकाला और उन्हें स्वयं उनके ऊपर गवाह बनाया, ‘क्या मैं तुम्हारा रब नहीं हूँ?’ उन्होंने कहा, ‘हाँ, हम गवाही देते हैं।'”

(सूरह अल-आराफ़ 7:172)

8. फ़रिश्तों को सलाम

जाओ और उन फ़रिश्तों को सलाम करो, और सुनो कि वे तुम्हें क्या जवाब देते हैं, क्योंकि वही तुम्हारा और तुम्हारी संतान का सलाम होगा।’ तो आदम (अलैहिस्सलाम) ने कहा: ‘अस्सलामु अलैकुम।’ फ़रिश्तों ने कहा: ‘अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह।’ उन्होंने ‘रहमतुल्लाह’ बढ़ाया। तो जो भी जन्नत में जाएगा, वह आदम (अलैहिस्सलाम) की सूरत पर होगा, उनकी लंबाई साठ हाथ होगी, फिर उसके बाद सृष्टि छोटी होती गई, यहाँ तक कि अब तक है।”

(सहीह मुस्लिम 6809)

9. सजदे का हुकुम इब्लीस का इनकार करना

“और जब हमने फ़रिश्तों से कहा कि आदम को सज्दा करो, तो उन्होंने सज्दा किया, सिवाय इब्लीस के। उसने इंकार किया और घमंड किया, और वह काफ़िरों में से हो गया।”

(सूरह अल-बक़रह 2:34)

तुझे किस चीज़ ने सज्दा करने से रोका, जब मैंने तुझे हुक्म दिया?’ उसने कहा: ‘मैं उससे बेहतर हूँ। तूने मुझे आग से पैदा किया और उसे मिट्टी से पैदा किया।'”

(सूरह अल-अराफ़ 7:11-12)

हालाकि तुमे बता दे की इब्लीस एक जिन्न था जो सारे जिन्नो का बाप है मगर उसने अमाल ऐसे करे थे की अल्लाह को पसंद आ गए थे इसलिए वो फेरिस्तो के साथ में रहता था।

वह जिन्नों में से था

(सूरह अल-कहफ़ 18:50)

10. इब्लीस की मोहलत

इब्लीस ने अल्लाह से क़यामत तक मोहलत मांगी, जो उसे दी गई:

“उसने कहा: ‘मुझे उस दिन तक मोहलत दे, जब वे उठाए जाएंगे।’ (अल्लाह ने) कहा: ‘तुझे मोहलत दी गई है।'”

(सूरह अल-आराफ़ 7:14-15)

11. इब्लीस बना सेतान

“(शैतान) ने कहा: ‘चूंकि तूने मुझे गुमराह किया है, मैं अवश्य ही तेरे सीधे रास्ते पर उनके लिए घात में बैठूंगा। फिर मैं उनके पास उनके सामने से, उनके पीछे से, उनके दाएं से और उनके बाएं से आऊंगा, और तू उनमें से अधिकतर को कृतज्ञ नहीं पाएगा।’ (अल्लाह ने) कहा: ‘निकल जा यहां से अपमानित और ठुकराया हुआ। जो भी उनमें से तेरा अनुसरण करेगा, मैं तुम सबको जहन्नुम में भर दूंगा।'”

(सूरह अल-आराफ़ 7:16-18)

12. आदम अलैहिस्सलाम को नाम सिखाए

फिर आदम अलैहिस्सलाम को अल्लाह ने हर चीज का नाम सीखा दिया फिर फेरिस्तो के आगे कुछ चिज़े लाई गई और अल्लाह ने फरमाया इन सब के नाम बताओ तो फेरिस्तो ने कहा हमे इनके नाम नही पता तब आदम अलैहिस्सलाम से इन सब के नाम पूछे गए तो उन्होंने सब के नाम बता दिए।

तो अल्लाह ने फरमाया, ‘क्या मैंने तुमसे नहीं कहा था कि मैं आसमानों और ज़मीन की छिपी बातों को जानता हूं और जो तुम ज़ाहिर करते हो और जो तुम छिपाते

(सूरह अल-बक़रह 2:31-33)

हालाकि अल्लाह सब कुछ जाने वाला है जो तुम कुछ सोचते हो या छुपाते हो इसलिए अल्लाह ने आदम अलैहिस्सलाम को सजदा कराया था ताकि इब्लीस का झूट पकड़ा जाए और जो फेरिस्तो की सोच थी की हम जैसे पाकी बयान करते है तो हमसे जायदा मर्तबा किसी का नही इसलिए अल्लाह ने आदम अलैहिस्सलाम को हर चीज के भी नाम सिखाए ताकि उनको लगे की ये इंसान का मर्तबा हमसे बुलंद है।

हालाकि ये सजदा अल्लाह के हुकुम का सजदा है जो की अल्लाह ने ही हुकुम दिया था बाकी तो अल्लाह के सिवा किसी और के सामने जुकना सिर्क है।

13. हवा अलैहिस्सलाम की पैदाइश

फिर जब आदम अलैहिस्सलाम सो रहे थे तब अल्लाह ने उनकी बाए पसली से हवा को पैदा किया और वहा वापस गोस लगा दिया फिर जब आदम अलैहिस्सलाम उठे तो उन्होंने कहा तुम कोन है तो हवा ने कहा मुझे अल्लाह ने तुम्हारे लिए पैदा किया है।

(इब्न कसीर की तफ़सीर)

14. जन्नत में रहने का हुकुम इब्लीज का बेहकाना

“और हमने कहा: ऐ आदम! तुम और तुम्हारी पत्नी जन्नत में बसो, और जहां से चाहो, खाओ, लेकिन इस दरख्त के पास मत जाना, वरना तुम ज़ालिमों में से हो जाओगे।

(सूरह अल-बक़रह 2:35-36)

फिर शैतान ने उनके दिलों में वसवसा (शक) डाला ताकि उनकी छुपी चीज़ें (नग्नता) जो उनसे छिपी हुई थीं, उन्हें ज़ाहिर कर दे।

(सूरह अल-आराफ़ 7:19-22)

“ऐ आदम! क्या मैं तुम्हें ऐसा दरख्त दिखाऊं जो अमरता देने वाला हो और एक ऐसी सल्तनत जो कभी खत्म न हो? फिर उन्होंने उसमें से खा लिया, तो उनकी शर्मगाहें खुल गईं और वे अपने ऊपर जन्नत के पत्ते लगाने लगे।”

(सूरह ताहा 20:117-121)

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15. अल्लाह ने उनको सजा दी

फिर जब वो फल कया तो उन्होमे समझ आ गई और एक दूसरे को ढकने लगे तब अल्लाह ने फरमाया मैने तुमें माना करा था की ये फल मत खाना फिर भी तुमने वो खा लिया।

“जब आदम (अलैहिस्सलाम) ने गलती की, तो उन्होंने तुरंत कहा: ‘ऐ हमारे रब! हमने अपने ऊपर जुल्म कर लिया, अगर तू हमें माफ़ नहीं करेगा और रहमत नहीं फरमाएगा, तो हम घाटा उठाने वालों में से हो जाएंगे।'”

(सहीह मुस्लिम हदीस: 2747)

16. तोबा के कलामत सीखना

तो अल्लाह ने फरमाया जाओ अब तुम जन्नत से उतर जाओ फिर अल्लाह ने आदम अलैहिस्सलाम को कुछ तोबा के कलामत सिखाए और जन्नत से जमीन में उतर दिया गाया।

“तो शैतान ने दोनों को वहां से फिसला दिया और उन्हें उस स्थिति से निकाल दिया जिसमें वे थे। और हमने कहा: नीचे उतर जाओ! तुम एक-दूसरे के दुश्मन होगे, और तुम्हारे लिए धरती में ठहरने की जगह और एक निश्चित समय तक रोज़ी रखी गई है।”

(सूरह अल-बक़रह 2:36)

“फिर आदम (अलैहिस्सलाम) ने अपने रब से कुछ कलिमात सीखे, तो अल्लाह ने उनकी तौबा क़बूल कर ली। बेशक, वही बड़ा तौबा क़बूल करने वाला, रहमत करने वाला है।”

(सूरह अल-बक़रह 2:37)

17. आदम (अलैहिस्सलाम) और हव्वा (अलैहिस्सलाम) कहां उतारे गए? – उलमा के कथन

(A) इमाम इब्न कसीर (रह.) – तफ़सीर इब्न कसीर

इमाम इब्न कसीर ने अपनी तफ़सीर में उल्लेख किया है कि कुछ रिवायतों के अनुसार:

आदम (अलैहिस्सलाम) को हिंदुस्तान (भारत) में उतारा गया, विशेष रूप से श्रीलंका (सरीलंका) में “सरींद्वीप” (आदम की चोटी) पर।

हव्वा (अलैहिस्सलाम) को जद्दा (सऊदी अरब) में उतारा गया।

दोनों बाद में अराफ़ात मैदान में मिले।

(B) इमाम तबरी (रह.) – तफ़सीर तबरी

इब्न अब्बास (रज़ि.) से एक कथन मिलता है कि:

आदम (अलैहिस्सलाम) को भारत में उतारा गया।

हव्वा (अलैहिस्सलाम) को जद्दा (मक्का के पास) में उतारा गया।

दोनों की मुलाकात अराफात मैदान में हुई।

यह भी कहा जाता है कि जब आदम (अलैहिस्सलाम) उतरे तो वह “हिंदुस्तान” में पहाड़ों पर रोते रहे और अल्लाह से तौबा मांगते रहे।

(C) इमाम क़ुर्तुबी (रह.) – तफ़सीर क़ुर्तुबी

इमाम क़ुर्तुबी ने लिखा कि:

आदम (अलैहिस्सलाम) को भारत में, हव्वा (अलैहिस्सलाम) को जद्दा में, और इब्लीस को बसरा (इराक) में उतारा गया।

अराफ़ात में दोनों की मुलाकात हुई।

(D) इमाम सूयूती (रह.) – अद-दुर्र अल-मंथूर

उन्होंने भी इब्न अब्बास (रज़ि.) और कुछ अन्य सहाबा की रिवायतों का हवाला दिया कि आदम (अलैहिस्सलाम) को भारत में उतारा गया और हव्वा (अलैहिस्सलाम) को जद्दा में।

नतीजा (Conclusion)

इस आर्टिकल में हमने सीखा:

✔ दुनिया के पहले इंसान हज़रत आदम (अलैहिस्सलाम) थे।

✔ शैतान ने उन्हें बहकाया और इंसान को ज़मीन पर भेजा गया।

✔ हर इंसान को अल्लाह की बंदगी करनी चाहिए और शैतान से बचना चाहिए।

यह Qasas ul Anbiya Ka Part 2 था जिसमे हमने बताया की आदम अलैहिस्सलाम यानी की डरती पे आने वाला पहला इंसान कोन था अगले पोस्ट में हम बात करेंगे की आदम अलैहिस्सलाम को जमीन में कहा उतारा गया और उतरने के बाद किया किया होए था।

Also Read: Qasas ul Anbiya Part 3 – Hazrat Adam Alaihis Salam : आदम अलैहिस्सलाम का वाकया

अल्लाह हमे नेक अमल करने की तोफिक आता फरमाए आमीन।

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