भारत की मुस्लिम हुकूमत का Part – 4 : Qutubuddin Aibak
आज हम जानेंगे की मोहम्मद गोरी के जाने के बाद कैसे Qutubuddin Aibak ने भारत की मुस्लिम हुकूमत को संभाला और कैसे वहा अपनी गुलाम सल्तनत को कायम किया।
Qutubuddin Aibak कोन था?
Qutubuddin Aibak (कुतुबुद्दीन ऐबक) का जन्म 1150 तुर्किस्तान में हुआ था। फिर कुछ दिन बाद ऐसा होता है। की उनको गुलाम बना कर बेच दिया जाता है। तब ईरान में एक काजी कुतुबुद्दीन ऐबक को खरीद लेते है। और इसको तीरंदाजी और तलवार और घोड़ सफारी सीखते है। फिर वह बड़ा हो कर इतना बहादुर बनता है की उनको गजनी लाकर मोहम्मद गोरी को बेच देते है।
Qutubuddin Aibak का मर्तबा
फिर मोहम्मद गोरी उसकी जबाज़ी देख कर उसे करीब और बहादुर सेना पति बना लेता है। और उसकी ईमानदारी और साथ में जंग करने से उसका मर्तबा और बड़ गया था।
फिर जब गुलामों को मोहम्मद गोरी इनाम दे रहा था। तब कुतुबुद्दीन ऐबक ने अपना इनाम भी गरीबों में बाट दिया यह सब देख कर मोहम्मद गोरी ने उसको गुलामों का सरदार बना बना दिया था।
राजपूत का इतिहास और Qutubuddin Aibak की बहादुरी
फिर जब इनको भारत दे कर मोहम्मद गोरी चला जाता है। फिर जब एक बार गजनी शहर कुतुबुद्दीन ऐबक जाता है तब भारत के कुछ हिस्से में राजपूत का एक राजा राज कर लेता है। जिसका नाम हरी राजा रहता है।
फिर जब कुतुबुद्दीन ऐबक वापिस आती है। तो इस राजा को बुरी तरह से हरा देता है इसके चलते यह राजा आत्म हत्या कर लेता है। हालाकि आपको बता दे राजपूत राजा हमेशा से ही ऐसे रहे थे। जब उनका मुकाबला किसी बड़े मर्द से होता था। तो वो आत्म हातिया कर लिया करते थे। बस राजपूत राजा कमजोर पे ही अपना राज किया करते थे।
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Qutubuddin Aibak का भारत में राज
फिर धीरे धीरे कुतुबुद्दीन ऐबक भारत में फैलता जाता है। और 1197 में माउंट टापू में चालुक सेना को हरा देता है। इस सेना का राजा था। भीम दितिए आपको बता दे इसने पहले मोहम्मद गोरी की चोटी सी सेना को हराकर भारत का खुद को सम्राट समझ लिया था फिर कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसको हरा कर मोहमद गोरी का बदला लिया।
फिर 1197 से 1198 में ही कुतुबुद्दीन ऐबक ने बदायू और वाराणसी को फतेह कर लिया था। फिर चंदवार और कन्नौज को भी 1199 तक फतेह कर लिया था।
गुलाम सल्तनत का कायम होना
हालाकि आपको बता दे मोहम्मद गोरी के जाने के बाद भी कुतुबुद्दीन ऐबक अपने आप को सुलतान नही कहता था। वो बोलता था की में मोहम्मद गोरी का गुलाम हूं। इसी के। चलते उसने गुलाम सल्तनत नाम रखा था।
Qutubuddin मीनार
फिर Qutubuddin Aibak मीनार बनवाई हालाकि आपको बता दे की यह मीनार खाजा कुतुबदिन भख्तियार काकी के नाम पर बनवाई थी। हालाकि कुछ लोगो को लगता है। वह कुतुबुद्दीन ऐबक की याद में बनी थी।
2.5 का जोपड़ा
और आपको बता दे कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1192 अजमेर में 2.5 दिन का झोपड़ा भी बनवाया था। हालाकि आपको बता दे की मोहम्मद गोरी ने कहा था यह मस्जिद बनवाई जाए इसलिए यह बनवाई गई थी। मगर यह पूरी नही बनी गई थी।
Qutubuddin की सल्तनत
हालाकि आपको बता दे कुतुबुद्दीन ऐबक की दिल्ली सल्तनत 1206 तक ही रही हालाकि आज भी उसे दिल्ली का सुलतान माना जाता है।
Qutubuddun की मौत और उनके बाद की सल्तनत
हालाकि इनकी मौत अचानक आ जाती है और यह मार जाते है। आपको बता दे की वह आगे का राज की बात नही करके जाता है इसलिए लोग आराम साह को अपना सुलतान बना लेते है।
मगर वह यह सल्तनत को संभाल नही पाता है इसलिए उसको हटा कर कुतुबुद्दीन ऐबक के गुलाम कमांडर इल्तुतमिश को अपना सुलतान बना लेते है।
Conclusion
हमने आज जाना की कैसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली में अपनी सल्तनत को कायम किया और कैसे उन्होंने अपनी गुलाम सल्तनत कायम की अब हम आपको आने वाले भाग में बताएंगे की आगे किया हुआ था।
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