Roza Kholne Ki Dua : रोजा खोलने की दुआ
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।
आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे Roza Kholne Ki Dua के बारे में जो नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से साबित है।
Roza Kholne Ki Dua
Roza Kholne Ki Dua In Arabic
Zahabaz-zama’ u wabtallatil uruqu wa sabatal-ajru in-sha-Allah
Roza Kholne Ki Dua Tarzuma
प्यास खत्म हुई, रगे तर हो गयी और रोजे का सवाब इंशाअल्लाह पक्का हो गया.
(Sunan Abu Dawud – 2357)
1. हम जब रोजा इफ्तार करने बैठे तो सबसे पहले अल्लाह से दुआ करनी चाहिए जो भी हमे मांगना हो क्युकी हदीस में आता है अल्लाह तुम्हारी दुआ रद नही करता है।
2. फिर जब इफ्तार का वक्त हो जाए तो बिस्मिल्लाह पड़े और पिन खजूर या पानी से रोजा खोले फिर जब अच्छे से खा ले उसके बाद यह दुआ पड़े जो इस आर्टिकल में हमने आपको बताई है।
3. एक हदीस में एक दुआ और साबित है लेकिन वो हदीस जाहिफ है और उसको पड़ना सही नही इसलिए यह दुआ पड़ा करे।
4. और शहरी के वक्त की दुआ साबित नही है जो आज लोग डालते है जैसे Roza Rakhne Ki Dua यह सब बाते सही नही रोजा रखने के लिए हमे नियत करनी पड़ती है और नियत बोल के करना सही नहीं नियत दिल के इरादे के नाम है।
Conclusion
आज इस आर्टिकल में हमने जाना Roza Kholne Ki Dua के बारे में जो नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से साबित है और सुन्नत से भी साबित है।
अल्लाह हमे नेक अमल करने की तोफिक आता फरमाए और हमे चोटी चोटी दुआएं याद करने और दिन को समझने और गलत लोगो की बातो में आने से और रमजान में जायदा से जायदा नेकी करने से रोजा रखने की तोफिक आता फरमाए आमीन।
Learn More
2 thoughts on “Roza Kholne Ki Dua : रोजा खोलने की दुआ”