शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।
हर इंसान को मौत का मज़ा चखना है – एक हकीकत | Surah Al Imran 3 Ki Aayat 185 की तफ्सीर
हर इंसान को मौत का मज़ा चखना है – Surah Al Imran (3:185) की तफ़सीर आसान भाषा में | कुरआन और हदीस की रोशनी में मौत की सच्चाई, क़यामत का दिन, आमाल का हिसाब, जन्नत और जहन्नम की हकीकत | आखिरत की तैयारी कैसे करें? पढ़ें इस्लामिक जानकारी के साथ
हर इंसान चाहे अमीर हो या गरीब, ताकतवर हो या कमजोर, उसे एक दिन मौत (Maut) का सामना करना ही पड़ेगा। यह हकीकत ऐसी है जिसे दुनिया का कोई भी इंसान नकार नहीं सकता। लेकिन सवाल यह है कि मौत के बाद क्या होगा? क्या यह जिंदगी खत्म हो जाएगी या फिर कोई और जिंदगी शुरू होगी?
इसका जवाब कुरआन-ए-पाक में अल्लाह तआला ने दिया है:
Aaj Ki Aayat
Hadees In English
Har Jandaar Ko Maut Ka Maza Chakna Hai Or Tum Ko Qayamat Ke Din Aamaal Ka Pura Pura Badla Diya Jayega Fir Jo Shakhs Jahanum Ki Aag Se Bachakar Jannat Me Dhakil Kar Diya Gaya To Vo Kamiyaab Ho Gaya
Hadees In Hindi
हर जानदार को मौत का मजा चकना है और तुम को कयामत के दिन आमाल का पूरा पूरा बदला दिया जायेगा फिर जो शक्श जहन्नुम की आग से बचकर जन्नत में दाखिल कर दिया गया तो वो कामियाब हो गया।
इस आयत में अल्लाह तआला क्या फरमा रहे हैं?
1. हर इंसान को एक दिन मरना है, इससे कोई नहीं बच सकता।
2. क़यामत (Qayamat) के दिन इंसान के हर छोटे-बड़े आमाल का हिसाब होगा।
3. असल कामयाबी वही है जो जहन्नम से बचकर जन्नत में दाखिल हो जाए।
4. दुनिया की जिंदगी बस एक धोखा है, सच्ची जिंदगी आखिरत (Aakhirat) में है।
1. मौत की हकीकत – हर इंसान को मरना है
दुनिया में इंसान चाहे जितना भी बड़ा आदमी बन जाए, कितनी भी दौलत कमा ले, कितनी भी शोहरत हासिल कर ले, लेकिन मौत उसे आकर रहेगी।
“तुम जहाँ कहीं भी होंगे, मौत तुमको आ ही पकड़ेगी, चाहे तुम मज़बूत किलों में क्यों न हो।”
(Surah An-Nisa 4:78)
2. हदीस शरीफ में आता है:
“सबसे अक़लमंद (Aqalmind) वह इंसान है जो अपनी मौत को याद रखे और आखिरत की तैयारी करे।”
(Sunan Ibn Majah 4259)
यानी जो इंसान अपनी मौत को याद रखेगा, वह गुनाहों से बचेगा और नेक आमाल करेगा।
मौत के बाद का सफर – आखिरत की हकीकत
1. कब्र की जिंदगी (Qabr ki Zindagi)
मौत के बाद इंसान की पहली मंज़िल क़ब्र (Qabr) होती है।
“कब्र या तो जन्नत के बाग़ों में से एक बाग़ होगी, या जहन्नम के गड्ढों में से एक गड्ढा।”
(Sunan At-Tirmidhi 2460)
जो लोग नेक आमाल (Achhe Kaam) करते हैं, उनके लिए कब्र आरामगाह (Aaraamgah) बन जाती है। लेकिन जो लोग गुनाहगार होते हैं, उनके लिए कब्र अजाब (Azaab) की जगह बन जाती है।
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2. क़यामत का दिन (Qayamat ka Din) – जब इंसान का हिसाब होगा
क़यामत के दिन हर इंसान से उसके आमाल का हिसाब लिया जाएगा।
“फिर जिस शख्स का नाम-ए-अमाल (Aamaal ka Record) उसके दाएँ हाथ में दिया गया, वह खुशी से कहेगा – लो पढ़ो मेरा नाम-ए-अमाल!”
(Surah Al-Haqqa 69:19-20)
“और जिसका नाम-ए-अमाल उसके बाएँ हाथ में दिया गया, वह कहेगा – काश! मुझे मेरा नाम-ए-अमाल न दिया जाता।”
(Surah Al-Haqqa 69:25-26)
यानी नेक इंसान खुश होंगे और गुनाहगार पछताएँगे।
3. जन्नत और जहन्नम का फैसला
(A) जन्नत (Jannat) किन लोगों को मिलेगी?
जन्नत उन्हीं को मिलेगी जो ईमान लाए, अल्लाह के हुक्मों पर अमल किया और अच्छे आमाल किए।
“जो लोग ईमान लाए और अच्छे काम किए, उनके लिए जन्नत के बाग़ात (Bagh) होंगे।”
(Surah Al-Kahf 18:107)
(B) जहन्नम (Jahannum) किन लोगों के लिए है?
जहन्नम उन लोगों के लिए है जो गुनाहों में डूबे रहे और अल्लाह की नाफरमानी (Nafarmani) करते रहे।
“जो हमारी आयतों को झुठलाते रहे, वो जहन्नम में दाखिल होंगे।”
(Surah Az-Zumar 39:32)
“जहन्नम उन लोगों का ठिकाना है जो घमंड और जुल्म करते रहे।”
(Sunan Abu Dawood 4743)
आखिरत की तैयारी कैसे करें?
✔ पाँचों वक्त की नमाज (Namaz) अदा करें।
✔ कुरआन की तिलावत (Tilawat) करें और उस पर अमल करें।
✔ हराम (Haram) चीज़ों से बचें और हलाल (Halal) रिज़्क़ कमाएं।
✔ अल्लाह से तौबा (Tauba) करें और अच्छे आमाल करें।
✔ दूसरों का हक़ (Haq) अदा करें और किसी का दिल न दुखाएं।
असली कामयाबी क्या है?
इस आयत में अल्लाह ने हमें असल कामयाबी की पहचान बता दी:
✅ कामयाबी = जहन्नम से बचकर जन्नत में जाना।
❌ नाकामी = जहन्नम में जाना।
“जो जहन्नम से बचा लिया गया और जन्नत में दाखिल कर दिया गया, वही कामयाब है।”
(Surah Al Imran 3:185)
दुनिया की हकीकत – एक धोखा
इस आयत के आखिर में अल्लाह तआला दुनिया की हकीकत बयान करते हुए फ़रमाते हैं कि:
“दुनिया की ज़िंदगी बस एक धोखे का सामान है।”
(Surah Al Imran 3:185)
हदीस में आता है:
“दुनिया मोमिन के लिए कैदखाना है और काफिर के लिए जन्नत।”
(Sahih Muslim 2956)
“अगर दुनिया की क़ीमत अल्लाह के नज़दीक मच्छर के पर के बराबर भी होती, तो वो किसी काफ़िर को एक घूंट पानी भी ना देता।”
(Sunan At-Tirmidhi 2320)
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नतीजा – अब हमें क्या करना चाहिए?
हर इंसान को मौत का मजा चखना है और आखिरत की असली जिंदगी में वही कामयाब होगा जो जन्नत में जाएगा।
क्या आप आखिरत की तैयारी कर रहे हैं?
आज ही तौबा करें और नेक आमाल शुरू करें।
हर इंसान को मौत का सामना करना है और आखिरत की जिंदगी ही असली जिंदगी है। इसलिए हमें चाहिए कि हम दुनिया के धोखे में न पड़ें, बल्कि अपनी जिंदगी को अल्लाह की फरमांबरदारी और नेक आमाल में लगाएं ताकि हम क़यामत के दिन जन्नत के हक़दार बन सकें।
क्या आप आखिरत की तैयारी कर रहे हैं? आज ही तौबा करें और नेक आमाल शुरू करें!