बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रही
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।
University of al-Qarawiyyin – अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय, क्या मुसलमान ने ही सबसे पहले विश्वविद्यालय का निर्माण किया” जाने पूरी कहानी
आज हम इस आर्टिकल में University of al-Qarawiyyin के बारे में जानेंगे, जिसे मुसलमानों ने स्थापित किया था और जिसे दुनिया का सबसे पहला विश्वविद्यालय माना जाता है। यह विश्वविद्यालय न केवल इस्लामी दुनिया में बल्कि पूरी मानवता के लिए शिक्षा और ज्ञान का एक अद्वितीय केंद्र बना।
1. अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय का संक्षिप्त परिचय
नाम: अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय (University of al-Qarawiyyin)
स्थान: फ़ेज़ (Fez), मोरक्को
स्थापना वर्ष: 859 ईस्वी
संस्थापक: फ़ातिमा अल-फ़िहरी (Fatima al-Fihri)
मान्यता: दुनिया का पहला और सबसे पुराना लगातार संचालित विश्वविद्यालय (Guinness World Records और UNESCO द्वारा प्रमाणित)
मुख्य विषय: इस्लामी अध्ययन, गणित, खगोलशास्त्र, चिकित्सा, दर्शन, व्याकरण और अन्य विज्ञान
2. विश्वविद्यालय की स्थापना – एक महिला की ऐतिहासिक उपलब्धि
1. फ़ातिमा अल-फ़िहरी – पहली विश्वविद्यालय निर्माता महिला
अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या मुसलमानों ने दुनिया का पहला विश्वविद्यालय बनाया था? इसका उत्तर हां है, और यह भी एक ऐतिहासिक सत्य है कि इसे एक मुस्लिम महिला ने स्थापित किया था।
859 ईस्वी में, फ़ातिमा अल-फ़िहरी, जो एक अमीर और शिक्षित मुस्लिम परिवार से थीं, उन्होंने अपने पिता की विरासत का उपयोग करके अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय की स्थापना की। उनका उद्देश्य था कि यह विश्वविद्यालय ज्ञान प्राप्त करने का केंद्र बने, जहाँ छात्र विभिन्न विषयों का अध्ययन कर सकें।
2. फ़ातिमा अल-फ़िहरी का योगदान क्यों महत्वपूर्ण है?
(A) महिलाओं की शिक्षा में योगदान:
यह तथ्य बेहद महत्वपूर्ण है कि दुनिया का पहला विश्वविद्यालय एक महिला द्वारा बनाया गया था। यह इस बात का प्रमाण है कि इस्लाम में महिलाओं की शिक्षा को हमेशा से महत्व दिया गया है।
(B) शिक्षा को एक नई पहचान दी:
अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय ने दुनिया भर से छात्रों को आकर्षित किया और उन्हें विभिन्न विषयों में ज्ञान अर्जित करने का अवसर दिया।
(C) शिक्षा का मुफ्त वितरण:
यह विश्वविद्यालय एक इस्लामी सिद्धांत पर आधारित था कि इल्म (ज्ञान) हर किसी के लिए जरूरी है और इसे मुफ्त में उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
3. अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय – एक ज्ञान का केंद्र
अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय केवल एक धार्मिक संस्थान नहीं था, बल्कि यह एक बहुविषयक विश्वविद्यालय था जहाँ विभिन्न विज्ञानों की शिक्षा दी जाती थी।
1. यहाँ पढ़ाए जाने वाले विषय:
इस्लामी अध्ययन और हदीस विज्ञान
क़ुरआन और शरीयत (इस्लामी कानून)
गणित और ज्यामिति
खगोलशास्त्र (Astronomy)
चिकित्सा और विज्ञान
दर्शनशास्त्र और तर्कशास्त्र (Logic)
व्याकरण और भाषा विज्ञान (Linguistics)
इस विश्वविद्यालय में दुनिया भर से छात्र आते थे और कई प्रसिद्ध इस्लामी विद्वानों ने यहाँ से शिक्षा प्राप्त की थी।
4. अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय और पश्चिमी शिक्षा प्रणाली
1. क्या पश्चिमी विश्वविद्यालयों ने यहाँ से प्रेरणा ली?
हां, यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय से ही आधुनिक विश्वविद्यालय प्रणाली की नींव रखी गई।
यूरोप में कई विश्वविद्यालयों जैसे कि ऑक्सफोर्ड (Oxford) और कैम्ब्रिज (Cambridge) ने अपनी शिक्षा प्रणाली और पाठ्यक्रम में अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय से प्रेरणा ली।
विश्वविद्यालय की डिग्री प्रणाली (Bachelor’s, Master’s, और Doctorate) भी इस्लामी शिक्षा प्रणाली से प्रेरित थी।
यह साबित करता है कि मुसलमानों ने न केवल शिक्षा का विस्तार किया बल्कि आधुनिक विश्वविद्यालय प्रणाली का आधार भी रखा।
5. अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय की वैश्विक पहचान
1. UNESCO और Guinness World Records में स्थान
अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय को UNESCO (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) और Guinness World Records द्वारा दुनिया के सबसे पुराने और लगातार चलने वाले विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई है।
यह विश्वविद्यालय आज भी मौजूद है और शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहा है।
6. क्या इस्लाम शिक्षा के खिलाफ है?
कुछ लोग इस्लाम को केवल धार्मिक विचारधारा मानते हैं और कहते हैं कि इस्लाम में विज्ञान और आधुनिक शिक्षा का कोई स्थान नहीं है। लेकिन अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय इसका सबसे बड़ा जवाब है।
1. इस्लाम ने हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता दी है।
2. पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) ने कहा: “इल्म हासिल करना हर मुसलमान मर्द और औरत पर फर्ज़ है।” (इब्न माजा – 224)
3. इस्लामिक सभ्यता ने चिकित्सा, गणित, खगोलशास्त्र, दर्शन, और अन्य वैज्ञानिक क्षेत्रों में बहुत योगदान दिया।
इसलिए, जो लोग यह कहते हैं कि इस्लाम ने कुछ नहीं किया, उन्हें इस ऐतिहासिक विश्वविद्यालय के बारे में पढ़ना चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस आर्टिकल में हमने जाना कि:
✅ अल-क़रावियिन विश्वविद्यालय दुनिया का सबसे पहला विश्वविद्यालय था।
✅ यह विश्वविद्यालय 859 ईस्वी में फ़ातिमा अल-फ़िहरी नाम की एक मुस्लिम महिला ने स्थापित किया था।
✅ यह न केवल इस्लामी अध्ययन बल्कि गणित, खगोलशास्त्र, चिकित्सा और विज्ञान जैसे विषयों के लिए भी प्रसिद्ध था।
✅ यह विश्वविद्यालय आज भी मौजूद है और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
✅ यूरोप की कई प्रमुख विश्वविद्यालयों ने यहाँ से प्रेरणा ली।
इसलिए, यह स्पष्ट है कि मुसलमानों ने न केवल शिक्षा का प्रचार किया बल्कि आधुनिक विश्वविद्यालय प्रणाली की नींव भी रखी।
अल्लाह हमें ज्ञान हासिल करने और उसे फैलाने की तौफीक दे। आमीन।
“जो लोग ज्ञान रखते हैं और जो लोग ज्ञान नहीं रखते, क्या वे बराबर हो सकते हैं
(क़ुरआन 39:9)
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