पैसे होते हुए भी कर्ज अदा न करे – इस्लामी नजरिया, सजा और नुकसान | Sahih Bukhari 2400 की तफसीर

Sahih Bukhari 2400 की तफसीर

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है। पैसे होते हुए भी कर्ज अदा …

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