Qasas ul Anbiya Part 3 – Hazrat Adam Alaihis Salam : आदम अलैहिस्सलाम का वाकया

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रही

शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।

आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे Qasas ul Anbiya Part 3 में Hazrat Adam Alaihis Salam के बारे में जो इस दुनिया में आने वाले सबसे पहले इंसान है।

Qasas ul Anbiya Part 3 – Hazrat Adam Alaihis Salam

Hazrat Adam Alaihis Salam

अल्लाह ने इंसानों को धरती पर क्यों भेजा है?

हालाकि जब इब्लीस ने सजदा नहीं करा था तो अल्लाह ने आदम अलैहिस्सलाम से कहा था की ये इब्लीस तुम्हारा खुला दुसमान है तो तुम जन्नत में रहो और अच्छा खाओ अच्छा पीयो और ये लिबास पहन लो जो नूर का है बस तुम सेतान के वसवसे से बचना मगर आदम अलैहिस्सलाम ने बहकावे में आके वो फल खा लिया इसलिए उनको जन्नत से जमीन पर उतारा गया आजमाइस के लिए।

आदम अलैहिस्सलाम और हवा कहा उतरे थे

हालाकि आदम अलैहिस्सलाम को हिंद में और हवा अलैहिस्सलाम को ज्यदे में उतारा गया और उनके साथ इब्लीस को भी उतारा गया फिर जब आदम अलैहिस्सलाम हवा की तलाश करने लगे तो आखिर कार मैदान ए अरफात में दोनो की मुलाकात हो गई।

आदम अलैहिस्सलाम और हवा के कितने बेटे थे

आपको बता दे की हवा अलैहिस्सलाम हर बार 2 बच्चो को जन्म देती थी एक लड़का और एक लड़की और उन्होंने टोटल 40 बच्चो को जन्म दिया था।

सबसे पहला नबी कौन था

हालाकि उस समय आदम अलैहिस्सलाम को ही नबी बनाया गया था और सब तोहिद यानी एक ही खुदा को मानने वाले थे और ना कोई गुनेहगार था आपको बता दे की उनको सारे कामों का इलम था लोहे लकड़ी सबका इस्तमाल करना।

हाबिल और काबिल

उन्होंने से सबसे पहला जोड़ा काबिल और उसकी बहन कामिल का था काबिल बहुत द्रुत दिल वाला था और उसका एक भाई था जिसको हबील कहा जाता है जो बहुत नर्म दिल वाला था काबिल खेती बाड़ी करता था और हाबिल बकरिया चलता था।

हालाकि उस टाइम बहन से भाई शादी कर सकता था जैसे की एक जोड़े में जो पैदा होई उनसे नही उनके बाद वाली से लेकिन आज ये जायज नहीं क्युकी बाद में ये सिलसिला बंद कर दिया गया था बाकी नबियों के जरिए।

हाबिल और काबिल की कहानी और दुनिया की पहली कुर्बानी

फिर यह थे होआ की हाबिल की शादी काबिल की बहन से हो और काबिल की शादी हबील की बहन से हो तो हुआ ये की हाबिल की बहन से जायदा खूबसूरत काबिल की बहन थी इसलिए काबिल ने हबील की बहन से शादी से इंकार कर दिया और कहा में मेरी बहन से ही शादी करू लेकिन ये हराम था।

फिर आदम अलैहिस्सलाम ने कहा की तुम दोनो एक हदिया पेस करो यानी की एक जानवर को जिब्बा करके अल्लाह के नाम पे तक्षिम कर दिया जाए और इस अमल को कुरबानी कहा जाता है।

उस टाइम में यह था की कुरबानी काबुल है या नहीं उसका पता लग जाता था क्युकी आसमान से एक आग आती और उस कुरबानी को जला देती यानी कुरबानी काबुल हो चुकी है और अगर आग कुरबानी को ना जलती तो समझ लिया जाता की कुरबानी काबुल ना होई है।

अब वो दिन आ चुका जब कुरबानी करनी थी तो दोनो जानवर लेकर आ गए और कुरबानी करी गई फिर जब दूसरे दिन देखने आए तो हबील की कुरबानी काबुल हो गई थी और काबिल की नही होई थी।

दुनिया का पहला कत्ल और पहला गुना

फिर काबिल को गुस्सा आ गया और सेतान ने फिर उसमे वसवसे डाले के अपने भाई को कतल कर दे तो उसने अपने भाई को कतल करने का इरादा कर लिया फिर हबील को के दिया की में तुझे कतल कर दूंगा तो हबील ने कहा तू उसका गुना भी अपने भर ले में तुझे हाथ भी नहीं लगाऊंगा।

फिर जब रात होई तो हबील सो रहा था तब काबिल आया और बड़ा फतर लेकर उसके सिर में मारा जिसे वो मर गया।

आपको बता दे की ये दुनिया का पहला कतल था जो काबिल ने करा था वो भी अपने ही भाई का सिर्फ एक लड़की के कारण जब की वो इरादा इसका गलत था और यह दुनिया का पहला जुल्म भी था।

फिर उसने सोचा की अब इसकी लास का क्या करू क्युकी उस टाइम तक कोई मारा भी नही था वो दुनिया की पहली मौत थी।

2 कौवा की कहानी और पहली मौत को दफनाना

फिर काबिल ने हबील की लास को उठाया और चल पड़ा फिर जब वो चला जा रहा था तब अल्लाह ने 2 कव्वे भेजे जो आपस में लड़ रहे थे तो एक कव्वे ने दूसरे कव्वे का कतल कर दिया और फिर एक खड़ा खोदा और उसमे उसको डाल दिया इस तरह काबिल को पता लगा की लास का क्या करना है फिर उसने भी ऐसा ही कर दिया।

हालाकि उसको इसका पछतावा तो था मगर उने अल्लाह से माफी ना मांगी जब की उसे अल्लाह से माफी मांगने की जरूरत थी और उसी की कतल के कारण जो आज कतल होता है उसका गुना काबिल को भी मिलता है।

फिर काबिल ने अपनी बीवी को लेकर यह से निकल गया और कही और जाके रहने लगा और आदम अलैहिस्सलाम से राबता खत्म हो गया फिर काबिल और उसकी बीवी से नई नस्ले शुरू होई।

दुनिया में बुराई का शुरू होना

अब जो भी नसल निकलती वो अल्लाह को तो मानती मगर गुना पे गुना करती और तोहिद में इजाफा करती इस तरह बुरे लोग काबिल के साथ हो गए और अच्छे लोग आदम अलैहिस्सलाम के साथ हो गए और इसी तरह 2 कॉम बनी।

सीस अलैहिस्सलाम कब आए

लेकिन जब आदम अलैहिस्सलाम को ये बात अल्लाह ने बताई तो वो रूठ गए और इसलिए अल्लाह ने उन्हें सीस अलैहिस्सलाम आता फरमाया जो आदम अलैहिस्सलाम का बेटा था

फिर आदम अलैहिस्सलाम ने सीस अलैहिस्सलाम को दिन सिखाया फिर उन्होंने दिन की तालीम लोगो को देना शुरू कर दी।

जन्नत के फल

फिर जब मौत उनके करीब आई तब आदम अलैहिस्सलाम ने कहा मेरा जन्नत के फल खाने का जी चाहता है हालाकि आपको बता दे की दुनिया के फल और जन्नत के फल में ये फरक है की जन्नत के फल का जायका जाता नही है जब की दुनिया के फल में वो बात नही है।

फिर जब उनके बेटे निकल पड़े जन्नत जैसे फल लाने तो उन्हे रास्ते में friste मिले जो कफन और खुशबू साथ में लेकर आए जो इंसान की सकल में थे उन्होंने पूछा कहा जा रहे हो तो बेटो ने कहा हमारे बाप आदम अलैहिस्सलाम को जन्नत के फल की ख्वाहिश है तो फरिस्थों ने कहा वापस जाओ तुम्हारे वालिद मौत के करीब है।

फिर जब वो आए तो हवा अलैहिस्सलाम समझ गई की ये फरिस्थे है जो आदम अलैहिस्सलाम की रूह लेने आए तो तो हवा अलैहिस्सलाम आदम अलैहिस्सलाम से चिपट गई और बुलंद आवाज में कहने लगी तो आदम अलैहिस्सलाम ने कहा मुझे धुर हट जाओ तुम्हारी वजह से ही मुझे ये मुसीबत पोछी थी की मुझे जन्नत से निकाला गया था अब तुम मेरे और मेरे रब के फरिस्तों के दरमियान से धुर हट जाओ।

पहली बार जनाजे की नमाज

फिर फरिस्तों ने आदम अलैहिस्सलाम को घुसल दिया खुशबू लगाई एक खड़ा खोदा उसमे डाला और मिट्टी डाली और जानने को नमाज पढ़ाई और कहा की अब तुम्हारे लिए यानी तरीका है किसी की मौत हो जाए तो ऐसे करना।

हालाकि काबिल को तो ये इलम के बारे में पता हो गया था मगर आदम अलैहिस्सलाम के बेटो को भी ये बताने और इसका पूरा तरीका यानी खुश्बू नमाज घुसल ये सब बताने के लिए अल्लाह ने फरिस्तों को भेजा था।

आदम अलैहिस्सलाम कितने साल जिए

आदम अलैहिस्सलाम 960 साल जिंदा रहे वैसे तो इनकी उम्र 1000 साल थी मगर इन्होंने 40 साल की उम्र दाऊद अलैहिस्सलाम को दे दी थी जब अल्लाह ने उन पर हाथ पेरा रहा तब जो लोग निकल आए थे तब ही उन्होंने दे दी थी।

फिर जब आदम अलैहिस्सलाम की रूह निकालने आए तो आदम अलैहिस्सलाम ने कहा मेरे तो अभी 40 साल बाकी है तब ने याद दिलाया कि तुमने अपनी उमर दाऊद अलैहिस्सलाम को दे दी थी तब से ही इंसान भुलक्कड़ हुआ है क्युकी आदम अलैहिस्सलाम भी ये भूल गए थे।

हालाकि आदम अलैहिस्सलाम ने सिर्फ एक गुना करा था की उन्होंने वो फल खाया था इसके सिवा उन्होंने और कोई गुना नही करा था।

Conclusion

यह Qasas ul Anbiya Ka Part 3 था जिसमे हमने आदम अलैहिस्सलाम का वाकिया बयान किया अगले पोस्ट में हम बात करेंगे सीस अलैहिस्सलाम का वाकिया के बारे में तो मिलते है अगले पोस्ट में।

अल्लाह हमे नेक अमल करने की तोफिक आता फरमाए आमीन।

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Qasas ul Anbiya Part 2 – Duniya Ka Pahla Insan Kaun Tha : दुनिया का पहला इंसान कौन था।

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