Qarz Lene Ki Niyat – कर्ज लेने की नियत

Qarz Lene Ki Niyat – कर्ज लेने की नियत

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रही

शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।

आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले है Qarz Lene Ki Niyat के बारे में की जब हम कर्ज ले तो नियत किया होना चाहिए।

Qarz Lene Ki Niyat

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो कोई कर्ज अदा करने की नियत से लेता है। तो अल्लाह उसकी तरफ से अदा करेगा और जो ना देने की नियत से लेगा तो अल्लाह उसको तबाह कर देगा।

नोट – क्या आप चाहते है की अल्लाह आपको तबाह कर दे और अल्लाह ने अगर तबाह कर दिया तो उसके सिवा कोई माबूद नही जो तुम्हारे आखीरत में काम आने वाला है।

(सही बुखारी – 2387)

1. आप जब की कर्ज ले तो नियत देने की करके ले कही ऐसा ना हो की आप अल्लाह की पकड़ में आ जाओ तो इसका ध्यान रखा करो।

2. अगर की नियत अगर अच्छी रखोगे तो तुम दुनिया में भी फायदा ही होगा लोग तुमसे मोहब्बत रखेंगे और आखिरत में भी फायदा होगा अल्लाह को तुम्हारा यह अमल पसंद आ जायेगा।

3. कर्ज ना देने से आप दुनिया में भी और आखीरत में भी चोर हो जाओगे।

Qarz Wapis Na Karne Ki Saza

4. अगर तुम्हारा इरादा है की तुम उसका पैसा दोगे मगर तुम्हारे पास जब भी पैसे आते है तो तुम यही कहते हो अगली बार देंगे याद रखो यह भी जुल्म है।

Paise Hote Hoye Bhi Qarz Ada Na Kare

5. और कर्ज ना देना तो कबीरा गुना है जिसकी माफी तो शादात वाले को भी माफ ना है तो समझ लो यह कितना बड़ा जुल्म है और इसके कारण तुम जन्नत में भी ना जा सकोगे।

Qarz Na Dena Kabira Gunna Hai Jo Sadat Wale Ka Bhi Maaf Na Hai

Conclusion

आज हमने जाना Qarz Lene Ki Niyat के बारे में जिसमे हमने आपको बताया की यह कितना बड़ा जुल्म है

अल्लाह हमे नेक अमल करने की तोफिक आता फरमाए और कर्ज लेने से हमे महफूज रखे और ले तो उसको चुकाने का इरादा रखे आमीन।

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