Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika – तहज्जुद की नमाज़ का तरीका

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रही

शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।

आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika के बारे में जो नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से साबित और सुन्नत है।

Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika

Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika

Tahajjud Ki Namaz Ki Niyat – तहज्जुद की नियत

तहज्जुद अगर आप ये नियत से पड़े की अल्लाह मुझे अजर देगा तो फिर अल्लाह तुम्हारे सारे गुना माफ कर देता है और अगर आप नमाज पड़े तो लोगो को ये ना कहे की में तो रोज तहज्जुद की नमाज पढ़ता हूं में इतना इलम वाला हूं और ना दिखावे के लिय पड़े जैसे की वीडियो पे लाइफ आए और दिखाए की देखो में तहज्जुद के लिए नमाज पड़ने उठा हूं।

Tahajjud Ki Namaz Ki Rakat – तहज्जुद की नमाज़ कितनी रकत है

आयशा रजी अल्लाहु अन्हू फरमाती है की नबी सल्लालाहू अलैहि वसल्लम रात की नमाज में 11 रकात से जायदा नमाज पड़ते नही देखा ना रमजान में ना कोई महीने में।

(सही बुखारी – 1147)

नोट – मालूम हुआ की तहज्जुद की नमाज में आपने कभी 11 रकात से जायदा नमाज ना पड़ी थी जिनमे 8 रकात तो नमाज और 3 रकात वितर

Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika Step By Step – तहज्जुद की नमाज कैसे पढ़ी जाती है

आप जब भी तहज्जुद की नमाज पड़ते तो 2 2 रकात करके पड़ा करते थे शुरू में 2 रकात हल्की पड़ते और धीरे धीरे लंबी करते थे और कुरान को अच्छी तरह पड़ते थे और अल्लाह से दुआ किया करते थे।

(ईवा अल गालिल 2/203)

(अबू दाऊद 1451)

नोट – मालूम हुआ की तहज्जुद की नमाज 2 2 रकात पड़े और उसको धीरे धीरे लंबी करे यानी की सजदा भी लंबा करे रुकु भी और कुरान भी अच्छे से बड़ी आयतें पड़ा करे और अल्लाह से दुआ करे बेसक अल्लाह कबूल करेगा।

Tahajjud Ki Namaz Ki Fazilat – तहज्जुद की नमाज़ के फायदे

तुम रात में नमाज जरूर पड़ा करो क्युकी ये पहले ईमान वालो की आदत थी और रात को नमाज तो अल्लाह अल्लाह से करीब करती है और गुनाओं से बचाती है और तुम्हारे गुना माफ कर दिए जाते है और जिस्मानी बीमारियों को धुर करती है।

(सही अल जमी – 4079)

नोट – अल्लाह ने फरमाया है की तुम रात में जरूर नमाज पद लिया करो क्युकी पहले जो नेक लोग तो वो भी पड़ा करते थे क्युकी रात की नमाज में तुम अल्लाह से बहुत करीब रहते हो और जब सजदे में जाते हो तो और करीब हो जाते हो और ये बुराई से भी बचाती है और तो और ये बीमारियो से भी धुर रखती है।

जिसने रमजान की रातों में इबादत करी इस नियत से की मुझे अजर मिलेगा तो अल्लाह उसके तमाम गुना माफ कर देता है।

(सही बुखारी – 2008)

नोट – अल्लाह ने तो इतनी फजीलत दी है इस नमाज की की तुम ने जो गुना किए वो सारे के सारे माफ कर दिए जाते है।

अल्लाह हर रात में आता है यानी बंदों के करीब और कहता है कोन है मुझे पुकारने वाला में उसकी दुआ कबूल करूंगा

(Sahih Bukhari – 1145)

(Jamia Trimdhi – 3579)

(Sahih Muslim – 1770)

नोट – अल्लाह ने तो फरमाया है की में रात में तुम्हारे करीब होता हूं तो मुझेसे मांगा करो में तुम्हारी दुआ कबूल करूंगा।

तहज्जुद की नमाज पड़ने से बदसूरत के चेहरे पर चमक आ जाती है और जलील आदमी को अल्लाह इज्जत नसीब कर देता है।

(अत-तहज्जुद ली अबी अत-दुनिया पेज – 28)

नोट – तहज्जुद की नमाज पड़ने वाले के चेहरे पर चमक आ जाती है जैसे की कोई कहता है आज तो तू बड़ा चमक रहा है और इज्जत भी होती है यानी लोग इज्जत भी करने लगते है।

अल्लाह ने फरमाया की जो लोग अपना बिस्तर छोड़ कर रात में नमाज पड़ते है और अल्लाह से मांगते है वो जहन्नुम के कॉफ और जन्नत के लालच में तो कोई नही जानता की अल्लाह ने उनकी आंखों की तंडक के लिए किया समान छुपा रखा है जो इनके अमल के बदले में दिया जायेगा।

(सूरह अल सजदा – 32:16-17)

(सूरह अल जुम्मर – 39:09)

(सूरह अत दहर – 76:20-27)

नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया तुम अगर तहज्जुद की नमाज पड़ेंगे तो आराम से जन्नत में जाओगे

(जामिया त्रिमधि – 2485)

नोट – मतलब इस नमाज की इतनी फजीलत है की को आराम से जन्नत में जायेगा।

Tahajjud Ki Ahmiyat – तहज्जुद की अहमियत

नबी सल्लल्लाहुं अलैहि वसल्लम ने फरमाया फर्ज नमाज के बाद सबसे अफजल नमाज तहज्जुद की नमाज है।

(सही मुस्लिम – 2756)

नोट – अल्लाह ने जो 5 वक्त की नमाज हम पे फर्ज की है उनके बाद अगर कोई अफजल नमाज है वो तहज्जुब की नमाज है।

तहज्जुद की नमाज में नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम इतना कियाम करते की ओवरलोड हो जाते तो आपसे पूछा गया की आपतो बक्से बक्साए हो फिर इतना क्यों तो आपने फरमाया क्या में अल्लाह का शुक्र गुजार बांदा ना बनू।

(सही बुखारी – 1130)

(सही बुखारी – 4837)

(सुन्न नसाई – 1665)

नोट – तहज्जूब की नमाज की इतनी अहमियत बताई है की जिसे नबी भी इतना पड़ा करते थे तो आप जान सकते है की इसकी फजीलत किया है हालाकि बाकियों के लिए ये हुकुम है की आप जितनी ताकत हो उतनी ही पड़ा करो।

आप रमजान के आखिरी असरे में रातो को जागते थे और घेर वालो को भी जगाते थे और कियाम यानी की नमाज पड़ते रहते थे।

(सही बुखारी – 2024)

नोट – रमजान के महीने में तो नबी सलालालहु अलैहि वसल्लम सोते ही नहीं थे और घेर वालो को भी उठाते थे की नमाज पढ़ो क्युकी रमजान के आखिरी असरे में कुरान नाजिल हुआ था।

Tahajjud Ka Time Kab Tak Hai – तहज्जुद नमाज़ का समय

तहज्जुद की नमाज में हम आपको कभी जल्दी पड़ते देखते तो कभी लेट पड़ते देखते और जायदा तर आप ये नमाज आधी रात में पड़ा करते थे।

(सही मुस्लिम – 745)

(जामिया त्रिमधी – 3459-3579)

Also Read : नमाज पढ़ने का तरीका हिंदी में

नोट – मालूम होए की तहज्जुद की नमाज ईशा के बाद और फजर से पहले कभी भी पड सकते है लेकिन फिर भी कोसिस करे की आधी रात में पड़ा करे क्युकी नबी सल्लालाहू अलैहि वसल्लम जायदा आधी रात में पड़ा करते थे और इसका एक फायदा भी है की अल्लाह आधी रात में पहले आसमान पे होता है और कहता है है कोई माग्ने वाला।

Tahajjud Ki Namaz Sunnat Hai Ya Nafil – तहज्जुद की नमाज़ सुन्नत है या नफील

तहज्जुद की नमाज नफील है मगर ये अंबिया आले सलाम पर फर्ज थी मगर हमारे लिए सिर्फ 5 नमाज फर्ज की गई है और तहज्जुद की नमाज को नफील नमाज बताया गया है।

Conclusion

हमने इस पोस्ट में जाना की तहज्जुद नमाज पड़ने का क्या तरीका है और कब पड़ी जाति है ऐसे ही हम आपके लिए दिन की बातें सहीह हदीस से लाते रहेंगे तो आप हमरी वेबसाइट पर आए और ये पोस्ट पसंद आए तो लोगो तो इलम पोछे इंशाअल्लाह अल्लाह हमे इसका सवाब देगा।

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