भारत की मुस्लिम हुकूमत का Part – 1 : Mohammad Bin Qasim
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रही
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।
आज इस पोस्ट में हम बात करने वाले है भारत के पहले मुस्लिम राजा की जिसको सारी दुनिया जानती है उनका नाम Mohammad Bin Qasim है।
Mohammad Bin Qasim
कुछ लोग ऐसे होते है जिनका नाम दुनिया में हमेशा रहता है उसी तरह Mohammad Bin Qasim भी थे जिन्होंने ऐसा कारनामा करा की उसे कोई नही भूल सकता है।
कोन था मुहम्मद बिन कासिम?
Mohammad Bin Qasim अरब के Taif शहर में पैदा होए और वही पले बड़े मगर उनके घर वाले जा चुके थे तो उनको तालीम उनके चाचा ने दी थी और बहुत जायदा तालीम के चलते वह राजा बन गए थे।
8v सदी में उमय्यद ख़िलाफ़त एक सुपर पावर का दर्जा हासिल कर चुकी थी जिसकी सरहदे अफ्रीका से लेकर मकरान तक फैली होई थी।
मकरान ही वो इलाका था जहा से सिंद की सरहादे शुरू हो जाति थी उस वक्त सिंद पे राजा दाहिर की हुकूमत थी।
सिंद हमेशा मुसलमानो के खिलाफ इरानियो का साथ दिया करता था फिर जब मुसलमानो की ईरानियों से जंग होई तो सिंद के राजा ने ना सिर्फ ईरानियों को फोज दी बल्कि अपने हाथी भी दे दिए थे।
फिर सिंद के राजा ने ईरानियों को साथ में रखना भी शुरू कर दिया था तब अरब ने धीरे धीरे उनकी एक एक जगह हमले करे मगर ये काफी नहीं थे।
फिर जब राजा दाहिर सिंद का राजा बना तब उसने ऐसे काम कर दिए जिसे मुसलमान के खलीफा ना सिर्फ नाराज होए बल्कि सिंद पे हमला करने पर मजबूर हो गए।
फिर राजा दाहिर ने उमय्यद ख़िलाफ़त के एक दुश्मन मोहम्मद उलाफी और उसके 500 सातियो को पाना देदी जो बहुत ताकतवर था।
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दूसरा ये कि सिंद के देबल पर श्री लंका के 8 बहरी जहाज़ों को राजा दाहिर के सैनिकों ने लूट लिया था।
इस जहाज़ों में श्री लंका के राजा ने अरब के खलीफा और इराक के राजा हज्जाज बिन यूसुफ़ के लिए टॉफे भेजे थे और इस जहाज में मुसलमान की बेवा औरते और बचे भी थे।
राजा दाहिर के सैनिकों ने ये जहाज का सारा सामान लूट कर बेवा औरते और बचो को जेल में बंद कर दिया था।
फिर इस जहाज से कुछ बच जाने वाले लोगो ने इराक के राजा हज्जाज बिन यूसुफ़ को ये सारा वाकिया बताया तो उसने राजा दाहिर को एक खेत बिजवाया की सारा सामान वापस कर दो और लोगो को छोड़ दो।
तो उस जालिम राजा ताहिर ने जवाब में लिखा की जहाज लूटने वाले हमारे सैनिक नही थे। तो फिर राजा और उसके साथियों ने ये बात बरदास नही की ओर हमला कर दिया।
हमला करने वाले उबेदुल्लाह बिन नहमान और बुदेल बिन ताहफा ने dibel पे हमला कर दिया।
लेकिन अरबों के ये दोनो हमले नाकाम रहे और इसके कारण अहजाज़ बिन यूसुफ इन दोनो हमले नाकाम होने से बड़ा बैचेन था सोच विचार करने के बाद वो निजुमियो की तरफ गया।
फिर उनसे सब की खबर निकल वाई जो ये लड़ाई लड़ सके तो फिर कुछ टाइम बाद पता लगा की सिंद को सिर्फ एक आदमी ही फतेह कर सकता है और उसका नाम है Mohammad Bin Qasim fir उनको ये खबर दी।
फिर Mohammad Bin Qasim अपने सैनिक और चाचा के साथ देवल पे हमला करने निकल चुका रास्ते में कुछ लोगो को मारा और जुम्मे के दिन देवल में जा पोछा।
जहा राजा ताहिर का बेटा एक बड़ी फोज लेकर तयार खड़ा था फिर जब दोनो लस्कर एक दूसरे पर टूट पड़े और अल्लाह हुकबर का नारा गुजने लगा और ये देख कर राजा का बेटा भाग गया और उसके पिता राजा ताहिर के पास dubal के किले में जा बैठा।
फिर dibel में सारे कैदियों को आजाद कर दिया और हर एक को अपने अपने मजहब को मानने की इजाजत दे दी और इसके इलावा dabel शेर का हकीम भी एक पंडित को ही बना दिया जो इसे पहले जेल खाने का मुहाफिज हुआ करता था जबकि उसने मुसलमानो के साथ गंदा सुलूक किया था।
आपको बता दे की राजा ताहिर अपने ही धर्म की किताब के खिलाफ चला गया था और जो हिंदू में छोटे लोग होते थे उनको कह दिया था की अपने साथ एक कुत्ता रखा करे ताकि दूर से ही पता लग जाए की ये छोटे लोग है।
इस ही के कारण जल्द ही Mohammad Bin Kasim ने सिंद के बहुत बड़े हिस्से को अपने कंट्रोल में कर लिया हालाकि अभी तक राजा ताहिर से जंग नहीं होई थी।
फिर Mohammad Bin Qasim ने उसी पंडित के जरिए खबर पोछा दी की या तो राजा ताहिर हार मान ले या अपनी जंग के लिए तयार हो जाए इस बात पे राजा ताहिर ने जंग का रास्ता चुनना और फिर जंग शुरू हो गई
राजा ताहिर ने सैनिकों से कहा था की मुसलमान ये सिंद के दरिया को पार ना कर पाए लेकिन इस्लामिक लस्कर ने इतना खतरनाक लस्कर बनाया था की उन्होंने वो भी पार कर लिया।
फिर इस्लाम के लस्कर से वो इतने खोफ सदा होए की जंग छोड़ के भाग गए लेकिन इतना काफी नहीं था राजा ताहिर के खतरनाक लस्कर ने फिर इतना खरनाक हमला करा की मुसलमान भागने लगे।
तब 17 साल के Mohammad Bin Qasim ने कहा कहा जाते हो अपने भले संभालो और मेरे साथ लाडो बेशक हमारा साथ खुदा देगा।
फिर ये सुन कर सब टूट पड़े और एक अरब का उम्र बिन खलीफ चिर था हुआ राजा ताहिर के पास पॉच गया और ऐसा वार करा की भारत को मुसलमानों ने फतेह कर लिया।
आपको बता दे की 20 jun 712 को ये जंग फतेह होई और भारत को फतेह कर लिया। और Mohammad Bin Qasim ने कहा की हर धर्म के लोगो को अपने अपने मजहब की इबादत करना जायज है।
और हिंदू को टैक्स देना होगा और मुसलमानो को जकात की तरह टैक्स देने का सिविदा चालू कर दिया था।
फिर 1 साल बाद ही Mohammad Bin Qasim ने मुल्तान का एरिया भी फतेह कर लिया था हालाकि आपको बता दे की इसके बाद वो और कोई एरिया फतेह ना कर सके क्युकी उम्मत में बहुत सी तकदीली आ चुकी थी।
फिर 714 में अहज़ाज़ बिन यूसुफ का इंतकाल हो गया उसके बाद 715 में उम्म्त के खलीफ वालिद बिन अब्दुल मलिक भी फवात पा गए थे।
उनके बाद अगला खलीफा सुलेमान बिन अब्दुल मलिक बना जो वालिद और उसके हमदर्द लोगो से नफरत करता था जिसमे अहज़ाज बिन यूसुफ भी सामिल था लेकिन वो जा चुका था इसलिए अपनी दुश्मनी उसके घरवालों और रिश्तेदारों पर उतरी थी।
सुलेमान बिन अब्दुल मलिक ने यजीद बिन अब्दु खफसा को सिंद का राजा बना कर भेज दिया और मोहम्मद बिन कासिम को गिरफ्तार करने का हुकुम दे दिया था।
फिर मोहम्मद बिन कासिम को गिरफ्तार कर के सजा दे दे कर 715 में ही साहिद कर दिया गया अगर सुलेमान बिन अब्दुल मलिक मोहम्मद बिन कासिम को गिरफ्तार ना करता था आज जापान और चीन में भी इस्लाम का झंडा लहरा देता।
यह था मोहम्मद बिन कासिम जिसने सिर्फ 17 साल की उम्र में ही इतना कुछ करा था और आज के लोगो के बारे में क्या बोले हमे इन लोगो से सीखना चाहिए की इस्लाम क्या था और मोहम्मद बिन कासिम क्या था।
Conclusion
यह भारत की मुस्लिम हुकूमत का Part – 1 था जिसमे हमने बताया की कैसे भारत में पहला राजा मोहम्मद बिन कासिम ने भारत को फतेह करा था आने वाली पोस्ट में बात करेंगे की इसके बाद किस मुस्लिम ने भारत पे हुकुम की थी।
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