भारत की मुस्लिम हुकूमत का Part – 3 : Muhammad Ghori

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रही

शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।

आज भारत की मुस्लिम हुकूमत Part – 2 में हम बात करेंगे मोहम्मद ग़ौरी के बारे में की क्या Prithviraj Chauhan (पृथ्वीराज चौहान) ने Muhammad Ghori (मोहम्मद ग़ौरी) को मारा था और क्या भारत में हुकूमत की थी।

Mohammad Ghori History In Hindi – मोहम्मद गोरी का इतिहास।

गजनी सेहर के पास एक और शहर था जिसका नाम था Ghor और आपको बता दे की Ghor की सल्तनत गजनी सेहर के अंदर ही थी।

हालाकि आपको बता दे की जब धीरे धीरे गजनवी की सल्तनत खत्म होने लगी थी तब Ghor का बादशा था बहालुद्दीन साम और उसके 2 बेटे थे एक का नाम था गियासुद्दीन गौरी दूसरे का नाम था मोइजुद्दीन मोहम्मद।

मोइजुद्दीन मोहम्मद जिसका असली नाम था सियाबुदीन मोहम्मद जिसे आज दुनिया Muhammad Ghori (मोहम्मद ग़ौरी) नाम से जानती है और इनका जन्म 1149 में अफ़गानिस्तान के Ghor शहर में हुआ था।

और यह बचपन से ही इतने बहादुर थे की बड़े बड़े जाबाज आपसे साला लिया करते थे और बड़ा जाबाज कमांडर भी था।

फिर 1163 में गयासुदीन मोहोमद Ghor का सुलतान बना लेकिन आपको बता दे की गयासुदीन मोहोमद ने भी अपने भाई का साथ ना छोड़ा और मोहम्मद ग़ौरी को भी साथ में सुलतान बना लिया।

फिर दोनो ने मिलकर ऐसा राज किया की दुनिया हैरान रह गई हालाकि कही लोगो ने ये सल्तनत कब्जा करने की सोची मगर दोनो भाईयो ने उनको कुचल दिया।

फिर 1173 में ही दोनो भाईयो ने गजनी शहर पर हमला करके उसको फतेह कर लिया और फिर वहा का सुलतान मोहम्मद गोरी बन गया अब यह से शुरू होता है मोहम्मद ग़ौरी का सफर।

आपको बता दे की Muhammad Ghori (मोहम्मद ग़ौरी) का एक ही सपना था अपनी सल्तनत को फैलाना और इस्लामी हुकूमत को कायम करना इसलिए वह उठा और अपने भाई के साथ मुल्तान को फतेह करने निकल पड़ा।

Muhammad Ghori Ki Pehli Jung – मोहम्मद गोरी की पहली जंग।

मुल्तान में कर्मतियां जो एक सिया हुकूमत थी यह हुकूमत अबासिया को नही मानती थी इसलिए 1175 में मोहम्मद ग़ौरी ने मुल्तान को फतेह कर लिया था और थोड़े समय बाद ही Uch जो की पाकिस्तान के पंजाब इलाके में है वहा भी अपना झंडा गाड़ दिया।

फिर धीरे धीरे Muhammad Ghori (मोहम्मद ग़ौरी) ने पाकिस्तान के इलाको को फतेह कर लिया था मगर अभी लाहौर बचा हुआ था लाहौर में गजनवी सल्तनत आखिरी सांसें ले रही थी फिर मोहम्मद ग़ौरी ने लाहौर पर इतना खतरनाक हमला किया की गजनवी सल्तनत की आखिरी सांसें भी बंद हो गई और चारो तरफ गोरी सल्तनत हो गई।

Muhammad Ghori Ka Bharat Per Hamla – मोहम्मद गोरी ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किया।

फिर 1176 में मोहम्मद ग़ौरी ने कहा अब हिंदुस्तान को फतेह करने का वक्त आ गया है फिर 1178 में मोहम्मद ग़ौरी अपनी आधी सेना को लेकर गुजरात के इलाके में हमला करता है मगर वहा का हिंदू राजा जिसका नाम मूला राजा तो वो गोरी को हराकर वापस भेज देता है।

फिर यह हार मोहम्मद ग़ौरी की पहली हार थी वो भी हिंदुस्तान की पहली हो लड़ाई में हार मिली थी।

Muhammad Ghori And Prithviraj Chauhan War – पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद ग़ौरी का युद्ध।

फिर 1191 में मोहम्मद ग़ौरी भारत के लिए अपनी बड़ी सेना लेकर निकल गया और भारत के ख़बर से पंजाब तक पॉच गया और भटिंडा के किले को फतेह कर लिया।

आपको बता दे की उस समय किसी किले को फतेह करना अपनी हुकूमत का झंडा गाड़ना माना जाता था।

फिर यह खबर राजपूत राजा Prithviraj Chauhan (पृथ्वीराज चौहान) को पता चली तो वह घबरा गया की अगर मोहम्मद ग़ौरी इसी तरह फतेह करता रहा तो हिंदुस्तान को भी फतेह कर सकता है।

आपको बता दे की पृथ्वीराज चौहान की हुकूमत राजेश्तान हरियाणा और पंजाब मदेय परदेश के कुछ हिस्सों तक थी और अजमेर पृथ्वीराज चौहान का गढ़ था।

फिर Prithviraj Chauhan (पृथ्वीराज चौहान) उठा और अपनी लाखो की सेना को लेकर निकल पड़ा और मोहम्मद ग़ौरी ने भी सेना को लेकर निकल पड़ा फिर जंग होई आपको बता दे की मोहम्मद ग़ौरी की सेना पृथ्वीराज चौहान की सेना से कम थी।

फिर Muhammad Ghori (मोहम्मद ग़ौरी) की सेना भी हारने लगी गई थी और हतियारो की भी कमी आ गई थी

फिर जंग शुरू होई और मोहम्मद ग़ौरी के सैनिकों ने तीर चलाए मगर उसे Prithviraj Chauhan (पृथ्वीराज चौहान) की सेना पर कोई असर नहीं हुआ और मोहम्मद ग़ौरी के सेना पर 3 तरफ से हमला कर दिया।

फिर इस ही बीच मोहम्मद ग़ौरी की जंग पृथ्वीराज चौहान के भाई से होई जिसका नाम गोविंद ताई था उसने मोहम्मद ग़ौरी को घायल कर दिया मगर Muhammad Ghori (मोहम्मद ग़ौरी) फिर भी लड़ता रहा और गोविंद ताई को भी घायल करके ही छोड़ा।

आपको बता दे की मोहम्मद ग़ौरी का इतना खून बह गया था की वो वही बेहोश हो कर गिर पड़ा उसकी सेना को लगा की मोहम्मद ग़ौरी मार चुका है तब सेना का हौसला टूट गया और वो भागने लगी तब लेकिन कुछ सैनिकों ने मोहम्मद ग़ौरी को उठाया और अफ़गानिस्तान ले जा कर जान बचाई मगर उस टाइम यह जंग पृथ्वीराज चौहान जीत जाता है।

फिर Muhammad Ghori (मोहम्मद ग़ौरी) की हार से वह गुस्सा हो जाता और और कहता है की जब तक इसका बदला ना ले लू तब तक में जमीन पर ही सोऊंगा और कपड़े भी बादशा वाले ना पहनू गा।

फिर 1 साल बाद ही यानी 1192 में ही Prithviraj Chauhan (पृथ्वीराज चौहान) को खत भेजा की अगर तुम भलाई चाहते हो तो अपनी हुकूमत मेरे हवाले कर दो वरना ऐसे अंजाम होगा जो तुमने सपने में भी ना सोचा होगा।

फिर यह खेत पड़ कर पृथ्वीराज चौहान हसने लगा और कहने लगा ये आदमी पागल है अभी मुझसे हार के गया है फिर भी धमकी दे रहा है।

हालाकि आपको बता दे की Prithviraj Chauhan (पृथ्वीराज चौहान) के मन में यह चल रहा था की इतनी जल्दी 1 साल में ही वापस जंग करना चाहता है यह आम बात नही इसलिए फिर पृथ्वीराज चौहान ने अपने आस पास के राजा को बुलाना शुरू कर दिया था।

मगर कुछ राजा Prithviraj Chauhan (पृथ्वीराज चौहान) के साथ नही आए जिनमे से एक कन्नौज का सबसे ताकतवर राजा जिसका नाम जयचंद है वो भी इस जंग में सामिल ना हुआ।

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आपको बता दे की राजा जयचंद की बेटी को Prithviraj Chauhan (पृथ्वीराज चौहान) भागा कर अपने राज में ले आता है और शादी कर लेता है बस इस कारण ही उसने साथ नही दिया था।

लेकिन फिर भी पृथ्वीराज चौहान काफी सेना लाखो में ले आया जबकि Muhammad Ghori (मोहम्मद ग़ौरी) के पास बहुत जायदा काम सेना थी हालाकि आपको बता दे पृथ्वीराज चौहान ने गमंद में आकर कहा था की इन चांद मुसलमान को तो में चुटकी में हरा दूंगा।

फिर जंग शुरू होई हालाकि आपको बता दे इस बार Muhammad Ghori (मोहम्मद ग़ौरी) पूरी प्लानिंग के साथ आया था और उसने अपनी सेना के 5 ग्रुप बना दिए थे इनमें से 4 ग्रुप ने चारो तरफ से हमला करा और 1 ग्रुप अभी बचा हुआ था।

फिर जब जंग होने लगी और धीरे धीरे मोहम्मद ग़ौरी के सैनिक हारने लगे तब मोहम्मद ग़ौरी ने अपने सैनिकों को पीछे आने को कहा यह देख कर Prithviraj Chauhan (पृथ्वीराज चौहान) भी उनके पीछे पीछे सेना को लेकर आने लगा।

फिर जब यह आए तो मोहम्मद ग़ौरी की 1 बचे होए ग्रुप ने हमला कर दिया जिससे Prithviraj Chauhan (पृथ्वीराज चौहान) की सेना उल्टे पाऊं भागने पर मजबूर हो गई और आखिर कार पृथ्वीराज चौहान को Muhammad Ghori (मोहम्मद ग़ौरी) ने पकड़ लिया और यह जंग फतेह हो गई।

फिर बादमें मोहम्मद ग़ौरी ने Prithviraj Chauhan (पृथ्वीराज चौहान) को माफ कर दिया और अजमेर का राजा बना दिया मगर पृथ्वीराज चौहान ने दगा बाजी करी और जंग पर उतर आया फिर मोहम्मद ग़ौरी ने पृथ्वीराज चौहान को मार डाला।

फिर कुछ समय ही बाद Muhammad Ghori (मोहम्मद ग़ौरी) ने हंदुस्तान को फत्तेह करना शुरू कर दिया और कही राजा को हालाकि आपको बता दे कही राजपूत राजा ने ऐसे ही घुटने टेक दिए थे।

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मगर कन्नौज का राजा जयचंद को Prithviraj Chauhan (पृथ्वीराज चौहान) से नफरत करता था वो भी जंग पर आ गया फिर 1194 में उसको भी हरा दिया।

फिर धीरे धीरे मोहम्मद ग़ौरी ने आदे हिंदुस्तान पर अपना झंडा गाड़ दिया था हालाकि आपको बता दे पृथ्वीराज चौहान को हरा कर उसी के भाई को अजमेर का राजा बना दिया था।

फिर 1202 में फिर मोहम्मद ग़ौरी के भाई की मौत हो जाति है तो फिर अब मोहम्मद ग़ौरी ही गोरी सल्तनत का आखिरी सुलतान रहता है।

आपको बता दे की एक सेनापति जिसका नाम Qutubuddin Aibak था वो मोहम्मद ग़ौरी के साथ हर जंग में शामिल और बहादुर था इसलिए मोहम्मद ग़ौरी उसे हिंदुस्तान की हुकूमत दे कर वापस अपने शहर अफ़गानिस्तान आता है।

फिर 1206 में वापस अफ़गानिस्तान जाने लगा तो रास्ते में पाकिस्तान के पंजाब में आराम के लिए रुके थे फिर मोहम्मद ग़ौरी जब नमाज पड़ रहा था तब किसी ने तलवार से इतना खतरनाक वार किया की मोहम्मद गोरी वही शाहिद हो गए।

हालाकि आपको बता दे की पहले जब मोहम्मद ग़ौरी से पूछा गया था की आपकी कोई औलाद नहीं है आपके बाद हम किसको राजा बनाए तब आपने कहा था मेरी औलाद मेरे सारे बहादुर सैनिक है इनमे से ही किसी को बना देना।

Conclusion

यह थी मोहम्मद ग़ौरी की असली कहानी अगले पार्ट में हम बात करेंगे मोहम्मद ग़ौरी के बहादुर सैनिक जिसको हिंदुस्तान का राजा बनाया था उसके बारे में यानी की Qutubuddin Aibak की हुकूमत क्या थी।

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