शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।
Azan Ke Baad Ki Dua : सही हदीस के साथ पूरी जानकारी
Azan Ke Baad Ki Dua अज़ान के बाद कौन-सी दुआ पढ़नी चाहिए? सही हदीस के मुताबिक अज़ान के बाद की दुआ अरबी, हिंदी और तर्जुमा के साथ पढ़ें। अज़ान की दुआ पढ़ने के फज़ीलत और फायदे जानें।
1. अज़ान सुनने के बाद क्या पढ़ना चाहिए?
अज़ान इस्लाम में एक बहुत बड़ी इबादत है, जो हमें दिन में पांच बार नमाज़ की याद दिलाती है। अज़ान के बाद एक खास दुआ पढ़ी जाती है, जिसे पढ़ने से अल्लाह तआला गुनाहों को माफ करता है और जन्नत की नेमतें अता करता है।
2. इस आर्टिकल में हम सीखेंगे:
👉 अज़ान के बाद की दुआ (अरबी, हिंदी और तर्जुमा)
👉 सही हदीस में इसकी अहमियत
👉 अज़ान के बाद दरूद शरीफ पढ़ने की हिदायत
👉 इस दुआ के फज़ीलत और फायदे
3. अज़ान के बाद की दुआ पढ़ने की हिदायत
नबी करीम ﷺ ने फरमाया:
“जब तुम अज़ान सुनो, तो उसी तरह दोहराओ जैसे मौज़िन कहता है। फिर मुझ पर दरूद भेजो और उसके बाद अल्लाह से मेरे लिए वसीला (एक खास दर्जा) माँगो।”
(सहीह मुस्लिम 384)
इससे मालूम हुआ:
(A) अज़ान के बाद पहले दरूद शरीफ पढ़ना चाहिए।
(B) उसके बाद अज़ान की दुआ पढ़नी चाहिए, जिससे गुनाह माफ होते हैं।
4. अज़ान के बाद की दुआ (हदीस से साबित)
1. पहली दुआ:
Azan Ke Baad Ki Dua In Arabic
अश्हदु अल्ला इला-ह इल्लल्लाहु वह्दहू ला शरी-क लहू व अन्न मुहम्मदन अब्दुहू वरसूलुह, रजीतु बिल्लाहि रब्बंव वबि मुहम्मदिर रसूलंव वबिल इस्लामि दीना ।
Azan Ke Baad Ki Dua In Hindi
“में गवाई देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और में गवाई देता हूँ कि मुहम्मद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम उसके बन्दे और उसके रसूल हैं। में अल्लाह के रब होने पर इस्लाम के दीन होने पर और मुहम्मद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नबी होने पर राज़ी हूँ।”
(सुन्न इब्न माझा – 721)
फायदा:
✅ यह दुआ पढ़ने से गुनाह माफ हो जाते हैं।
✅ इसे पढ़ने वाला सच्चे ईमान वाला कहलाता है।
2. दूसरी दुआ (बड़ी फज़ीलत वाली दुआ)
Azan Ke Baad Ki Dua In Arabic
अल्लाहुम्मा रबी हाजिहिद दवातीत ताम मह वस सलातील काइमाह आति मुहम्म्दानिल वसीलता वल फ़ज़ीलता वब अस हु मकामम महमूदा अल्लाजी व अत्तह।
Azan Ke Baad Ki Dua In Hindi
“ऐ अल्लाह! इस पूरी अज़ान और काइम होने वाली नमाज़ के रब! मुहम्मद ﷺ को वसीला और फज़ीलत अता फरमा और उन्हें मक़ामे महमूद पर भेज, जिसका तूने उनसे वादा किया है।”
रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया:
“जो इंसान यह दुआ पढ़ेगा, मेरी शफाअत उसके लिए वाजिब हो जाएगी।”
(सहीह बुखारी – 328)
फायदा:
✅ इस दुआ को पढ़ने से रसूलुल्लाह ﷺ की शफाअत (सिफारिश) नसीब होगी।
✅ इस दुआ में हम नबी ﷺ के मक़ामे महमूद के लिए दुआ करते हैं, जो क़यामत के दिन मिलेगा।
5. अज़ान के बाद की दुआ पढ़ने के 5 बड़े फायदे
✅ गुनाहों की माफी: जो शख्स ईमान और यकीन के साथ यह दुआ पढ़ेगा, उसके गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। (सहीह मुस्लिम)
✅ शफाअत का हक़दार: इस दुआ को पढ़ने वाले के लिए क़यामत के दिन नबी ﷺ की सिफारिश होगी।
✅ जन्नत में ऊँचा मक़ाम: यह दुआ पढ़ने वाला अल्लाह के पसंदीदा बंदों में शामिल हो जाता है।
✅ नमाज़ की बरकत: इस दुआ से नमाज़ की तौफीक नसीब होती है और इबादत में लज्ज़त बढ़ती है।
✅ अल्लाह की रहमत: अल्लाह ऐसे शख्स पर रहमत नाज़िल करता है और उसकी दुआओं को कुबूल करता है।
निष्कर्ष:
✅ अज़ान के बाद दुआ पढ़ना सुन्नत है और इससे गुनाह माफ होते हैं।
✅ इस दुआ को पढ़ने से रसूलुल्लाह ﷺ की शफाअत नसीब होती है।
✅ पहले दरूद शरीफ पढ़ना चाहिए, फिर यह दुआ पढ़नी चाहिए।
✅ इस दुआ को पढ़ने से जन्नत में ऊँचा मक़ाम मिलता है और अल्लाह की रहमत बरसती है।
हम सबको चाहिए कि हर अज़ान के बाद यह दुआ पढ़ें और दूसरों को भी सिखाएँ। अल्लाह हम सबको इस पर अमल करने की तौफीक़ दे – आमीन!
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