शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।
Allah Pe Bharosa Rakhna Hi Kaafi Hai – सूरह अत-तलाक़ (65:3) की तफ़सीर | इस्लाम में तवक्कुल
Allah Pe Bharosa Rakhna Hi Kaafi Hai सूरह अत-तलाक़ (65:3) में अल्लाह ने फरमाया कि जो अल्लाह पर भरोसा रखता है, उसके लिए अल्लाह ही काफी है। इस आयत का सही मतलब जानें, हदीस और कुरआन की रोशनी में तवक्कुल की ताकत समझें।
Aaj Ki Aayat
Hadees In English
Jo Allah Rabbul Al-Amin Per Bharosa Rakhta Hai Uske Liye Allah Kaafi Ho Jata Hai
Hadees In Hindi
जो अल्लाह पर भरोसा रखते है उसके लिए अल्लाह काफी हो जाता है।
(सूरह अत-तलाक़ 65:3)
1. इस आयत का सही मतलब क्या है?
इस आयत का मतलब यह है कि अगर कोई शख्स पूरी ईमानदारी से अल्लाह पर भरोसा रखता है, तो अल्लाह उसकी सभी जरूरतें पूरी करता है और उसकी मुश्किलों को आसान कर देता है।
(A) मालूम हुआ:
जो इंसान अल्लाह पर यकीन और तवक्कुल (भरोसा) रखता है, उसे किसी और से डरने की जरूरत नहीं है।
दुनियावी कारणों और लोगों की तरफ देखने के बजाय हमें अल्लाह पर पूरा यकीन रखना चाहिए।
अगर हम अल्लाह पर भरोसा करेंगे, तो वह हमारी मदद जरूर करेगा, चाहे हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों।
2. तवक्कुल (भरोसे) का सही मतलब क्या है?
तवक्कुल का मतलब केवल हाथ पर हाथ रखकर बैठना नहीं है, बल्कि मेहनत करना और साथ ही अल्लाह पर पूरा यकीन रखना है कि वह सबसे बेहतर रिजल्ट देगा।
हदीस में आता है:
“रसूलुल्लाह ﷺ के पास एक शख्स आया और बोला, ‘ऐ अल्लाह के रसूल! क्या मैं ऊँट को खुला छोड़ दूँ और अल्लाह पर भरोसा करूँ, या उसे बाँध दूँ और फिर भरोसा करूँ?’
नबी ﷺ ने फरमाया:
“पहले उसे बाँध दो, फिर अल्लाह पर भरोसा करो।”
(जामे तिरमिज़ी 2517)
👉 यानी सिर्फ अल्लाह पर भरोसा करना ही काफी नहीं, बल्कि इंसान को अपने हिस्से की मेहनत भी करनी चाहिए।
3. कुरआन में तवक्कुल की अहमियत:
(A) अल्लाह तवक्कुल करने वालों से मुहब्बत करता है
“बेशक, अल्लाह तवक्कुल (भरोसा) करने वालों को पसंद करता है।”
(सूरह आल-इमरान 3:159)
(B) अल्लाह तवक्कुल करने वालों के लिए रास्ते खोल देता है
“और जो कोई अल्लाह से डरेगा, वह उसके लिए रास्ता निकाल देगा और उसे ऐसी जगह से रिज़्क़ देगा, जहाँ से उसे गुमान भी नहीं होगा।”
(सूरह अत-तलाक़ 65:2-3)
(C) तवक्कुल करने वालों को अल्लाह की मदद जरूर मिलती है
“अगर तुम सच्चे ईमान वाले हो, तो अल्लाह पर भरोसा करो।”
(सूरह अल-माइदा 5:23)
4. हदीसों में अल्लाह पर भरोसे की अहमियत
रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया:
“अगर तुम अल्लाह पर सच्चे दिल से भरोसा करो, तो वह तुम्हें उसी तरह रिज़्क़ देगा जैसे वह परिंदों को देता है। वे सुबह खाली पेट निकलते हैं और शाम को भरे पेट लौटते हैं।”
(सुनन इब्न माजा 4164)
👉 इस हदीस से सीख:
इंसान को सुबह मेहनत के लिए निकलना चाहिए, लेकिन दिल में पूरा यकीन होना चाहिए कि अल्लाह ही उसे रोज़ी देने वाला है।
जैसे परिंदे सारा दिन मेहनत करते हैं और शाम को पेट भरकर लौटते हैं, वैसे ही हमें भी मेहनत करनी चाहिए और रिज़्क़ की चिंता अल्लाह पर छोड़ देनी चाहिए।
5. तवक्कुल करने के फायदे
✅ डर और चिंता खत्म हो जाती है – जब इंसान को यकीन हो जाता है कि अल्लाह ही सब कुछ करने वाला है, तो वह फिक्र से आज़ाद हो जाता है।
✅ मुश्किलें आसान हो जाती हैं – अल्लाह पर भरोसा रखने वाला शख्स हर हाल में सुकून में रहता है।
✅ रिज़्क़ की बरकत होती है – जो इंसान मेहनत करता है और तवक्कुल करता है, अल्लाह उसे ऐसी जगह से रिज़्क़ देता है जहाँ से वह सोच भी नहीं सकता।
✅ दुश्मनों पर फतेह मिलती है – तवक्कुल करने वाले को अल्लाह की मदद मिलती है और उसके दुश्मन कमजोर पड़ जाते हैं।
6. तवक्कुल कैसे बढ़ाएं?
(A) नमाज़ और दुआ से अल्लाह से मदद माँगे।
(B) हर परेशानी में अल्लाह को याद करें।
(C) हर हलाल काम के लिए मेहनत करें और नतीजे की फिक्र छोड़ दें।
(D) सिर्फ अल्लाह से उम्मीद रखें, इंसानों से नहीं।
(E) कुरआन और हदीस की तालीम लें और उस पर अमल करें।
निष्कर्ष:
✅ जो अल्लाह पर भरोसा रखता है, उसके लिए अल्लाह ही काफी है।
✅ तवक्कुल का मतलब सिर्फ भरोसा करना नहीं, बल्कि मेहनत भी करना है।
✅ कुरआन और हदीस में तवक्कुल की बहुत बड़ी फज़ीलत बताई गई है।
✅ जो इंसान सच्चे दिल से तवक्कुल करता है, अल्लाह उसकी मुश्किलें आसान कर देता है और उसे बेहतरीन रिज़्क़ अता करता है।
अगर हम अल्लाह पर पूरा यकीन रखेंगे और हलाल मेहनत करेंगे, तो हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। अल्लाह हमारी मदद जरूर करेगा!
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