Kaash Me Aisa Karta To Aisa Hota Kehna – काश में ऐसा करता तो ऐसा होता कहना

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रही

शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।

आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले है। Kaash Me Aisa Karta To Aisa Hota Kehna कैसा है। क्या अल्लाह ने हमे ऐसा कहने से मना फरमाया है।

Kaash Me Aisa Karta To Aisa Hota Kehna

अबू हुरैरा रजी अल्लाहु अन्हू बयान करते है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया उस चीज की तरफ ध्यान दो जिसमे तुम्हारा नफा हो। या अल्लाह से मदद मांगो हारना मत अगर कुछ हो गया तो यह मत कहना की काश में ऐसा करता तो ऐसा ऐसा होता बल की यह कहना यह जो भी हुआ अल्लाह की तकदीर है वो जो चाहता है। वैसा वैसा होता है। क्योंकि काश कहना सेतान के अमल के दरवाजे को खोल देना है।

नोट – अल्लाह से उम्मीद रखा करो क्योंकि जो होता है वो उस ही के इशारे पर होता है और जो होता है वो अच्छा होता है।

(सही मुस्लिम – 6774)

1. आज कल लोग बोलते रहते है की अगर में वैसा कर लेता तो ऐसा नहीं होता हालाकि आपको बता दे जो होता है अच्छे के लिए होता है।

2. हमारी तकदीर पहले से लिखी होई है की हमारा क्या होना है बस वो दुआ से बदल सकती है। लेकिन खुदा ने हमे आजमाइश दी है ताकि हम उसे दुआ किया करे।

3. बेशक काश कहने से अच्छा है हम तकदीर पर ईमान लाए और अच्छे काम करे और अच्छी बातें करे बेशक ऐसे ही लोग जन्नत में जाने वाले है।

Conclusion

आज हमने जाना के Kaash Me Aisa Karta To Aisa Hota Kehna कैसा है और अल्लाह ने हमे क्या सिखाया है। हमे क्या करना चाहिए और क्या कहना चाहिए।

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