Qarz Na Dena Kabira Gunna Hai Jo Sadat Wale Ka Bhi Maaf Na Hai – कर्ज न देना कबीरा गुनाह है

Qarz Na Dena Kabira Gunna Hai Jo Sadat Wale Ka Bhi Maaf Na Hai – कर्ज न देना कबीरा गुनाह है

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रही

शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और रहम करने वाला है।

आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे की Qarz Na Dena Kabira Gunna Hai Jo Sadat Wale Ka Bhi Maaf Na Hai जैसा की आप नाम से ही देख सकते है।

Qarz Na Dena Kabira Gunna Hai Jo Sadat Wale Ka Bhi Maaf Na Hai

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कसम है उस जात की जिस के हाथ में मेरी जान है। अगर एक शक्श अल्लाह की राह में कतल किया जाए फिर जिंदा किया जाए फिर कतल किया जाए फिर जिंदा किया जाए फिर कतल किया जाए और इस पर कर्ज हो तो वो जन्नत में दाखिल ना होगा। जब तक उसका कर्ज अदा ना हो जाए।

नोट – मालूम हुआ की कर्ज अदा ना करना कबीरा गुना है और इसकी माफी कर्ज अदा करने के बाद ही है और यह तो शहादत वाले को भी माफ ना है।

(सुन्न निशाई – 4691)

1. आपको बता दे शहादत वाले को सब गुना माफ है सिवाए सिरक और कर्ज के इसलिए कर्ज ले तो उसको चुकाने का इरादा करे।

2. कर्ज लेने से हम तबाह हो जाते है जैसा की आप इस हदीस में देख सकते है।

Qarz Lene Ki Niyat

3. माल और दौलत होते साते गोल मोल ना करे बल्कि कर्ज अदा कर दिया करो जैसा की आप इस हदीस में देख सकते है।

Paise Hote Hoye Bhi Qarz Ada Na Kare

4. कर्ज ना देने की वजह से तुम सबकी नजर में चोर हो जाओगे दुनिया में भी और आखिरत में भी जैसा की आप इस हदीस में देख सकते है।

Qarz Wapis Na Karne Ki Saza

Conclusion

आज हमने इस आर्टिकल में जाना Qarz Na Dena Kabira Gunna Hai Jo Sadat Wale Ka Bhi Maaf Na Hai तो हमे चाहिए की हम इस से बचे।

अल्लाह हमे नेक अमल करने की तोफिक आता फरमाए आमीन।

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